श्रवणश्रुति प्रोजेक्ट के तहत जिला में कम सुनने तथा बहरेपन के शिकार बच्चों की हुई आवश्यक जांच
मनोज कुमार ।
गया, 30 अप्रैल 2023, श्रवणश्रुति प्रोजेक्ट के तहत जिला में कम सुनने तथा बहरेपन के शिकार बच्चों की आवश्यक जांच तथा ईलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस परियोजना का जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा सीधा अनुश्रवण किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से सुनने की क्षमता से प्रभावित या बहरेपन के शिकार बच्चों के ईलाज की सुविधा प्रदान होने के कारण माता पिता के लिए एक आशा की किरण बन गया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार प्रति हजार बच्चे में से 5 से 8 बच्चे बहरेपन से पीड़ित पाए जाते हैं। बहरेपन का इलाज केवल प्रारंभिक पहचान से ही उपचार संभव है।
इसी कड़ी में आज गया स्टेशन बैरागी के समीप हियरिंग लॉस बच्चे जिन्हें कॉकलियर इंप्लाट मशीन या कोई अन्य मशीन लगाया गया है, उन बच्चों को बोलने का सिखाने का केंद्र अर्थात स्पीच थेरेपी केंद्र खोला गया है। इस केंद्र का उद्घाटन जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने फीता काटकर किया तथा हियरिंग लॉस वाले बच्चों ने जिला पदाधिकारी को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया।
गया में यह पहला स्पीच थेरेपी सेंटर है। गया में ऐसा कोई भी सेंटर पहले कभी नहीं था। मल्होत्रा फाउंडेशन कानपुर द्वारा यह सेंटर चालू किया गया है। इस थेरेपी सेंटर में वैसे बच्चे जिनका कॉकलियर इंप्लाट मशीन लग चुका है उन्हें निशुल्क में थेरेपी की व्यवस्था दी जा रही है तथा जिन बच्चों को बोलने में प्रॉब्लम है तथा सुनने में प्रॉब्लम है वह सभी बच्चे यहां आकर के निशुल्क रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। और थेरेपी का लाभ ले सकते हैं। वर्तमान में इस केंद्र पर 4 कमरे हैं तथा 14 बच्चे इलाजरत है, जिन्हें पूर्व में कानपुर में कॉकलियर इंप्लाट मशीन लगाया गया है। उन्होंने बताया कि बच्चे के थेरेपी के पश्चात सीधे उन बच्चे के बैंक खाते में ₹200 प्रति थेरेपी के अनुसार भी दिया जाएगा। कॉकलियर इंप्लाट में जो मशीन लगती है, उसे चलाने के लिए 3 साल तक चलाने युक्त उपकरण भी एक बॉक्स में दिया गया है, जिसमे रिचार्जेबल बैट्री, सेल इत्यादि दिए जाते हैं ताकि बच्चों को बार-बार पैसे खर्च ना करना पड़े और मशीन सुचारू रूप से चलता रहे।
इसके पश्चात जिला पदाधिकारी ने सभी कमरों का घूम कर निरीक्षण किया तथा बच्चों को दिए जाने वाले दबा का भी जांच किया।
जिला पदाधिकारी ने डीपीएम स्वास्थ्य को निर्देश दिया कि 5 साल से कम उम्र के बहरेपन से संबंधित स्क्रीनिंग और अधिक करवाने का निर्देश दिए ताकि हर एक छोटे से छोटे टोले/ गांव के बच्चे जिन्हें सुनने में कोई समस्या आ रही है उन्हें चिन्हित करते हुए निशुल्क समुचित इलाज करवा सके।
जिला पदाधिकारी ने जिले वासियों को कहा कि यदि आपके घर में या आपके आसपास में कोई 5 साल से कम उम्र का बच्चा में सुनने की क्षमता कम है, तो सीधे तौर पर जिला अस्पताल (जयप्रकाश नारायण अस्पताल)/ डीपीएम स्वास्थ्य 9473191876, सिविल सर्जन 9470003278 को संपर्क करें, उनका निशुल्क उपचार कराया जाएगा
उन्होंने डीपीएम को निर्देश दिया कि आशा एएनएम तथा आगनबाडी को संयुक्त रूप से जागरूक करने के उद्देश्य से एक वर्कशॉप का आयोजन करें ताकि उन के माध्यम से गांव-गांव तक में जागरूकता करवाया जा सके।
प्रखंड/ पंचायत स्तर पर कैंप के आयोजन के पहले प्रॉपर प्रचार-प्रसार करावे ताकि अधिक से अधिक बच्चे को उस कैंप में स्क्रीनिंग करवाया जा सके।
आज थेरेपी सेंटर में बेलागंज सिलौंजा के 2.5 वर्ष के शाद रहमान के पिता आधिक नदीम ने जिला पदाधिकारी गया को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह अपने बच्चे को जयपुर प्राइवेट अस्पताल में बहरेपन के इलाज हेतु अपने बच्चे को ले गए, वहां अनेक प्रकार की जांच के साथ साथ एमआरआई तथा अन्य जांच भी करवाया। अत्यधिक पैसे भी खर्च हुए परंतु उपचार नहीं हो पाया। इसके पश्चात वह दिल्ली चले गए वहां भी सभी प्रकार की जांच हुआ तथा इस प्रक्रिया में डेढ़ महीने का समय व्यतीत हुआ इसके पश्चात चिकित्सक द्वारा बताया गया कि 4 लाख से 5 लाख रुपये बच्चे को इलाज में खर्च होंगे, परंतु बच्चे के पिता गरीब तबके के रहने के कारण उनके पास इतनी बड़ी रकम खर्च करने की क्षमता नहीं थी।