वित्त रहित अनुदानित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के समस्याओं के निदान हेतु संघर्ष करेगी कॉंग्रेस पार्टी

मनोज कुमार ।
बिहार राज्य के 1225 वित्त रहित अनुदानित डिग्री, इन्टर, +2 विद्यालयों, उच्च विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के समस्याओं के समाधान एवं उन्हें न्याय दिलाने हेतू कॉंग्रेस पार्टी सदन से सड़क तक धारदार संघर्ष करेगी।बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता सह बिहार राज्य अनुदानित शिक्षण संस्थान शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के संयोजक प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, प्रो डॉ अनिल कुमार सिन्हा, प्रो विश्वनाथ कुमार, प्रो विनोद कुमार टुन्ना, प्रो अमरेंद्र कुमार सिंह उर्फ मंटू सिंह आदि ने कहा कि बिहार राज्य से हज़ारों वित्त रहित अनुदानित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को अनुदान के जगह नियमित वेतनमान दिलाने हेतू कॉंग्रेस, युवा कॉंग्रेस एवं एएसयूआई के तत्वाधान में विगत नौ दिनों से चल रहे ” पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा ” कार्यक्रम जो आज दरभंगा में चल रहा है, आज यात्रा में शामिल देश के चर्चित छात्र नेता अखिल भारतीय एन एस यू आई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार, युवा कॉंग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानू चिब, एन एस यू आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरूण चौधरी सहित यात्रा में शामिल सभी नेता, कार्यकर्ता दरभंगा में प्रेस कान्फ्रेंस कर वित्त रहित अनुदानित शिक्षण संस्थानों का मुद्दा मजबूती से उठाने का काम करेंगे।
नेताओ ने कहा कि वित्त रहित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का अनुदान की राशि विगत 09 वर्षों से बकाया है, जिसे बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सूबे के शिक्षा मंत्री एकमुश्त बकाया देने का वक्तव्य जारी किए हैं, परंतु अभी तक वो राशि निर्गत नहीं हुआ है।
नेताओं ने कहा कि बिहार राज्य से ही विभाजित झारखण्ड राज्य के वित्त रहित अनुदानित शिक्षण संस्थानों को अनुदान के जगह नियमित वेतनमान मिलना शुरू हो गया है, जिसके बाद से बिहार के अनुदानित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को आशा जगी है कि हमलोगों को भी वेतनमान मिलेगा लेकिन विधान मंडल में वेतनमान की बातें उठाने पर सरकार के मंत्री विजय चौधरी का तथ्यहीन बयान देने से कर्मचारियों में भयानक आक्रोश है।
नेताओ ने कहा कि वित्त रहित अनुदानित शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों विगत चालीस साल से राज्य के 67 % छात्रों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं, परंतु उन्हें सरकारी संस्थाओं की तुलना में 10 % भी नहीं मिलने से उन्हें परिवार को भोजन तक नहीं जुट पाता है, कितने आर्थिक अभाव, बीमारियों से अपने प्राण भी गवां चुके हैं।
बिहार सरकार दिन रात राज्य के सभी 524 प्रखंडों में डिग्री खोलने की बातें करती हैं, जबकि राज्य में अभी 225 वित्त रहित अनुदानित डिग्री कॉलेज तथा 100 के अंदर अनुभूत सरकारी कॉलेज है, यानी दोनों मिला कर 325 कॉलेज है, जबकि प्रत्येक प्रखंड के हिसाब से 524 कॉलेज चाहिए।