जिले के सड़क हादसों में प्रतिदिन औसतन 2 से 3 मौतें, अधिकारियों को मिल रहा सड़क सुरक्षा सम्मान

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दिवाकर तिवारी ।

सासाराम। सड़क सुरक्षा जागरूकता के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य को देखते हुए परिवहन विभाग ने रोहतास जिला पदाधिकारी उदिता सिंह को प्रशस्ति पत्र एवं प्रत्तीक चिन्ह के साथ सम्मानित किया है। यह सम्मान जिला परिवहन पदाधिकारी रामबाबू द्वारा मंगलवार को डीएम कार्यालय कक्ष में जाकर उन्हें दिया गया। इतना हीं नहीं जिला परिवहन पदाधिकारी भी सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने हेतु प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह के साथ सम्मानित हुए हैं। ऐसा तब है, जब जिले के सड़क हादसों में औसतन प्रतिदिन 2 से 3 मौतें देखी जा रही है। अगर सड़क हादसों के कारणों पर बात करें तो लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता की कमी एक प्रमुख वजह है, लेकिन इन सब के बावजूद परिवहन विभाग जिले के अधिकारियों को जागरूकता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित कर रहा है। जिससे जिले के लोग हैरान और स्तब्ध हैं। हालांकि खराब ड्राइविंग, सुरक्षा मानकों की अनदेखी, सड़कों की खराबी स्थिति, सड़कों पर चल रहे निर्माण कार्य, वाहन चालकों की लापरवाही सहित अन्य कई प्रमुख कारण भी सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार हैं और नतीजतन जिले के सड़क हादसों में मौत का सिलसिला लगातार जारी है।

जिले में सड़क सुरक्षा की जमीनी हकीकत अलग

प्रतिदिन हो रहे सड़क हादसे प्रशासन एवं यातायात व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह है। जिले में हो रहे सड़क हादसों पर लोगों का कहना है कि जहां एक ओर लोग अपने परिवार के सदस्यों को सड़क हादसों में खो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन मौत के आंकड़े छिपाकर सम्मानित हो रहा है। जो काफी खेद जनक है। आखिर कब तक लोग सड़कों पर अपनी जान गंवाते रहेंगे? क्या प्रशासन ऐसे हीं मौत के आंकड़े छुपा कर सम्मानित होगा या फिर सड़क सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम भी उठाए जाएंगे?

सड़क सुरक्षा पर सामूहिक प्रयास की दरकार

हकीकत में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी तय करनी होगी। अगर वाहन चालक सुरक्षा मानकों व यातायात नियमों आदि का अच्छे से पालन करें, तो स्वाभाविक रूप से सड़क हादसों के आंकड़े कम हो जाएंगे और प्रशासन को भी फोटो खिंचवाने व अवॉर्ड लेने की बजाय सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने होंगे। जिले में सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराने, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को चिन्हित करने, सड़कों की स्थिति सुधारने और जन जागरूकता अभियान चलाने की सख्त जरूरत है।