राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जल- जीवन- हरियाली योजना का लाभ गया ज़िले के हर क्षेत्रो में अब दिखने लगा
मनोज कुमार ।
गया,राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जल- जीवन- हरियाली योजना का लाभ गया ज़िले के हर क्षेत्रो में अब दिखने लगा है। हर तरफ अब किसान खुश दिख रहे हैं। किसानों को सिंचाई के लिये अब पानी की समस्या दूर हो गयी है। जल जीवन हरियाली अंतर्गत गया जिले में बड़े पैमाने पर विभिन्न अवयवों में कार्य किया जा रहे हैं, जिसका परिणाम है कि पहले के तुलना में अब जल संकट काफी कम हुए हैं साथ ही सिंचाई के साधन भी किसानों को बढ़ रहे हैं, जिससे किसान विभिन्न आहर पोखर तालाब से अपने खेत को सिंचित कर रहे हैं। जल जीवन हरियाली के तहत वर्षा जल का संचयन भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है ताकि वर्षा का पानी बर्बाद नहीं हो सके। वर्ष का पानी को आहार पोखर तालाब के माध्यम से सिंचित /स्टोर /एकत्रित रख सके और सालों भर इस पानी से किसान अपनी जरूरत के हिसाब से खेती में प्रयोग कर सके।
इसी कड़ी में आज जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम गया से सुदूरबारती क्षेत्र वजीरगंज प्रखंड क्षेत्र के घुरियावा पंचायत में लघु सिचाई विभाग द्वारा निर्मित कोल्हना टालआहर सिचाई योजना को देखा। यह आहर सिचाई योजना की कुल लंबाई 5.68 किलोमीटर में बना है। इस योजना अंतर्गत कुल 4 आहर बनाये गए हैं। साथ ही पोखर भी साथ साथ निर्माण करवाया गया है जिसका लंबाई 180 मीटर एव 180 मीटर चैड़ाई है। पोखर लगभग 9 एकड़ में फैला हुआ है। इस निर्मित जलायस में 366384.55 घन मीटर पानी का जल संचयन क्षमता बढ़ी है। इस आहर पोखर में एरु ग्राम के पहाड़ से मांगुरा नाला पइन के माध्यम से इस जलाशय में पानी एकत्रित होते हैं। इस क्षेत्र में पहले वर्षा जल जो बर्बाद होते थे, उन वर्षा जल को संरक्षित रखने का एक उत्कृष्ट प्रबंधन केंद्र बना है। इस सिंचाई योजना से दर्जनों गांव लाभान्वित हुए हैं जिसमें मुख्य रूप से कोल्हना, करौना, मुंडीपुर, घुरियावा, ईश्वरपुर, रघुनाथपुर, बैलों शामिल है। इस सिचाई योजना से 600 हेक्टर से अधिक भूमि का सिचाई साधन बढ़े हैं।
डीएम ने स्थानीय किसानों से आज बात चीत एव उनसे राय जाना तो ग्रामीणों में काफी उत्साह से बताया कि यह क्षेत्र पहाड़ों से घिरा रहने के कारण यहां पहले वर्षा जल बर्बाद हो जाते थे, जिसके कारण पानी एकत्रित नहीं रहते थे, सिंचाई में काफी समस्या होती थी। भुगर्व जलस्तर भी इधर काफी कम है, परंतु यह सिंचाई योजना का निर्माण होने से गर्मी के मौसम में भी 6 से 7 फीट पानी रहती है, बरसात के दौरान यह आहर पोखर लबालब भरे रहते हैं। सिंचाई के साधन काफी सुधार हुई है। हम सभी किसान इसी आहर के माध्यम से सिंचाई कर रहे हैं। उन्होंने खुशी माहौल में यह भी कहा कि भुगर्व जलस्तर में भी काफी सुधार हुई है।
निरीक्षण के क्रम में डीएम ने कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई को निर्देश दिया है कि आहर पोखर पहुंचने वाले रास्ते को समतलीकरण करवाये ताकि एक आकर्षक नजारा दिखे। साथ ही पोखर से आहर को जोड़ने वाले इनलेट आउटलेट को और मजबूतीकरण करवाये साथ ही सफाई की भी व्यवस्था रखवाये।
इसके पश्चात जिला पदाधिकारी ने पैदल गांव का भी निरीक्षण किया बताया गया कि कोरियामा पंचायत के यहां दो वार्ड पड़ते हैं 13 एवं 14 इन दोनों वार्ड में कुल मिलाकर 450 के आसपास घर हैं। इस क्षेत्र में नल जल योजना, पक्की नाली गली योजना, सोलर लाइट, सरकारी विद्यालय में पढ़ाई, आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चो को पोषण संबंधित के बारे में जिला पदाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी वजीरगंज से जानकारी लिया। तत्पश्चात डीएम ने ग्रामीणों से इस क्षेत्र के बारे में जानकारी लिया। ग्रामीणों ने बताया कि ओरियार से वजीरगंज जाने वाली सड़क की मरामती की आवश्यकता को बताया कि इस सड़क के माध्यम से 10-12 गांव को जोड़ती है। डीएम ने कार्यपालक अभियंता RWD को निर्देश दिया कि उक्त सड़क का निरीक्षण करते हुए एस्टीमेट तैयार करें ताकि तेजी से सड़क निर्माण करवाया जा सके। इसके अलावा उन्होंने प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी वजीरगंज को निर्देश दिया है कि इस क्षेत्र के वैसे छुटे हुए घर या छुटे हुए टोला का निरीक्षण करें, जहां नल जल योजना, पक्की नाली गली, पहुंच पथ, राशन कार्ड, नाला निर्माण सहित सरकार की अन्य जन सरोकारों से जुड़ी योजना से लाभान्वित नहीं हुए हैं, उनका सर्व करें एवं सूचीबद्ध करें ताकि छुटे हुए आम जनों को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित कराया जा सके। निरीक्षण के दौरान उप विकास आयुक्त ने मनरेगा के प्रोग्राम पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सिचाई योजना के समीप लगभग लगे 8 हजार से ऊपर पेड़ो को पूरी तरह संरक्षित रखवाने का कार्य करे।इस अवसर पर वजीरगंज प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।