जिले में 143 वीं जयंती पर याद किए गए कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद
विजेंद्र कुमार सिंह ।
अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में यथार्थ का चित्रण
मुंशी प्रेमचंद्र एक समाज सुधारक थे अपने कलम के बदौलत
शिवहर—- जिले में शिक्षक न्याय मोर्चा के तत्वावधान में ब्लॉक रोड स्थित जिला कार्यालय श्यामपुर निवास में हिंदी साहित्य के अग्रदूत महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की 143 वीं जयंती को श्रद्धापूर्वक मनाया गया तथा उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई । उनके जीवन वृत्त पर व्यापक प्रकाश डालते हुए मोर्चा के प्रदेश महासचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी साहित्य में अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद कालजयी लेखक थे तथा उनकी रचनाओं में यथार्थ का दर्शन होता है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते जिला संयोजक राधेश्याम सिंह ने कहा कि उपन्यास, कहानी, नाटक, समीक्षा , संपादकीय , संस्मरण आदि अनेक विधाओं में उन्होंने साहित्य की रचना की , किंतु प्रमुख रूप से वह कथाकार रहे हैं तथा उन्हें अपने जीवन काल में ही उपन्यास सम्राट की पदवी मिल गई थी । उन्होंने कुल 15 उपन्यास, 300 से कुछ अधिक कहानियां , 3 नाटक , 10 अनुवाद, सात बाल- पुस्तकें तथा हजारों पृष्ठों के लिए संपादकीय, भाषण, भूमिका , पत्र, आदि की रचना की । उक्त अवसर पर मोर्चा के जिला सह संयोजक सुजीत कुमार , जिला मीडिया प्रभारी सुनील कुमार सिंह, छात्र आशीष रंजन , शानू कुमार, हर्ष रंजन समेत कई अन्य लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित की।