पाठक जी के सरल- सहज व्यवहार से लोग स्वत: प्रभावित हो जाते थे-डॉक्टर विवेकानंद मिश्र
विश्वनाथ आनंद ।
गया( मगध बिहार)- जाने-माने समाजसेवी उमाशंकर पाठक जी के जन्म- कर्म भूमि बोधगया के बकरौर ग्राम स्थित उनके आवास पर श्राद्ध कर्म एवं ब्राह्मण भोज में भाग लेने आए विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कौटिल्य मंच एवं भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर विवेकानंद मिश्र अपने उद्गार में कहा पाठक जी अपने जीवन में नकारात्मक विचारों को कभी प्रश्रय न देने वाले सामाजिक सेवा में संपूर्ण जीवन को समर्पित करने वाले तथा भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के सक्रिय सदस्य रहे पाठक जी ने सेवा, समर्पण, तप, त्याग, चरित्र और इमानदारी को जीवन का मूल मंत्र मानते थे।उल्लेखनीय है कि इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों के अलावे गणमान्य व्यक्तियों, खासकर बुद्धिजीवियों समाजसेवियों ने अपने उद्गार प्रकट की है जिसमें सनातनधर्म ध्वजवाहक बोधगया मठ के महंत त्रिवेणी गिरी, सत्यानंद गिरी जी ने कहा कि पाठक जी बोधगया मठ के निष्ठावान एवं समर्पित रहे परिवारों में एक, मजबूत स्तंभ थे। मानवता के प्रति उनकी उदारता, सादगी, श्रद्धा और समर्पण का मैं हृदय से प्रशंसक हूं,आभार व्यक्त करता हूं।बोधगया मठ के स्वामी दीनदयाल गिरी जी ने कहा की सनातन धर्म में गहरी आस्था रखने वाले पाठक जी बोधगया मठ के जीवन का एक अनिवार्य अंग थे। मनुष्य ही नहीं प्राणी मात्र के प्रति दया एवं करुणा का भाव रखने वाले पाठक जी का अभाव हर मानवता वादियों को खटकता रहेगा। मगध विश्वविद्यालय में दान देने वाले बोधगया मठ के तत्कालीन महंत सदानंद गिरी जी महाराज की प्रतिमा विश्वविद्यालय के प्रांगण में लगाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के तत्वावधान में दशकों से मांग उठाने वाले पाठक जी इस क्रम में श्री केदार पांडे जी डॉ जगन्नाथ मिश्र से लेकर सत्येंद्र नारायण सिंह एवं कई सांसद एवं विधायकों से मिलकर कई बार अनुरोध किया। स्थानीय प्रशासन का भी कई बार उनका ध्यान इस संदर्भ में आकृष्ट किया। इसके लिए भी उनका मैं आभारी हूं। आभार व्यक्त करता हूं। आज उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का प्रयास उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उनका अभाव खासकर मेरे लिए अत्यंत ही पीड़ादायक है।आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव ने कहा कि पाठक जी एक उच्च कोटी के समाजसेवी संवेदनशील , अति विनम्र व्यक्ति थे। यह मानवता के मूल्यवान धरोहर थे।बिहार सरकार के पूर्व मंत्री भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहां पाठक जी मानवता के अमूल्य धरोहर थे उनका स्नेह और वात्सल्य प्रेम मुझे हमेशा प्राप्त होता रहा है। प्रसिद्ध व्यवसायी समाजसेवी कौटिल्य मंच के संरक्षक चरण बाबू डालमिया ने कहा की पाठक जी जैसे निश्चल व्यक्ति इस धरा धाम पर यदा-कदा ही लोग आया करते हैं। संपूर्ण समाज के लिए इनका अभाव अपूरणीय क्षति है। प्रसिद्ध समाजसेवी भाजपा के वरिष्ठ नेता भोला मिश्र एवं सिद्ध नाथ मिश्र पूर्व मुखिया नेता द्वय ने अपनी व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा की वे हमारे अभिभावक, मार्गदर्शक थे। इनका अभाव उन तमाम उपेक्षित वंचित एवं पीड़ित व्यक्तियों को भी सर्वदा खटकता रहेगा, जिसके आजीवन वे संरक्षक रहे। समाज सेवी प्रसिद्ध चिकित्सक छोटे बाबू ने कहा कि पाठक जी से अपने जीवन में हमने बहुत कुछ पाया है। और भविष्य में भी पाने की इच्छा थी, जो अधूरा रह गया। इनका अभाव पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।बोधगया मठ के समर्पित अग्रणी कार्यकर्ताओं में प्रमुख भूमिका निभाने वाले पूर्व मुखिया रामचंद्र यादव जी एवं नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन लूलन बाबू ने कहा कि पाठक जी एक सच्चे समाज सेवी राष्ट्रभक्त एवं आस्थावान धार्मिक व्यक्ति थे। पाठक जी का संबंध हम लोगों से एक प्राण दो देह की तरह आजीवन रहा। इनका अभाव हम लोगों के लिए पीड़ादायक है।इस कार्यक्रम में उपस्थित बड़ी संख्या में लोगों की इच्छा थी पाठक जी का आदम कद प्रतिमा बकरौर ग्राम में सांसद या विधायक कोटे से लगना चाहिए।आज स्वर्गीय पाठक जी के आवास पर श्राद्ध कर्म एवं ब्राह्मण भोज में भाग लेने वाले प्रमुख लोगों में गया जिला परिषद के उपाध्यक्ष शीतल यादव जी पूर्व मुखिया विनोद तिवारी जी डॉ रविंद्र कुमार मिश्र आचार्य विद्यानंद मिश्रा रत्नेश्वर पाठक बालेश्वर पाठक देवेंद्र पाठक निरंजन प्रमोद पाठक संजय मिश्रा उल्लेखनीय थे।