जीवन कुमार ने पहली बार भाग्य आजमाया और चुनावी सफलता बम्पर वोट के अंतर से प्राप्त कर ली
संजय वर्मा ।
गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीवन कुमार ने पहली बार भाग्य आजमाया और चुनावी सफलता बम्पर वोट के अंतर से प्राप्त कर ली उन्होंने छह महीनों के प्रयास में ही शिक्षक मतदाताओं से दिल से पारिवारिक नाता जोड़ा उन्होंने अपने जीत की पटकथा से लेकर पोलिटिकल स्ट्रेटजी खुद बनाई और सफलता के बुलंदियों को प्राप्त किया जीवन कुमार को दोहरी प्लानिंग करनी पड़ी एक तरफ प्रशांत किशोर सारण में अफाक आलम और गया सीट पर बीजेपी के कोर वोट को प्रभावित करने के लियेभूमिहार समाज से अपना कैंडिडेट अभिराम शर्मा को उतारकर जीवन कुमार के खाते से ये वोट खिसकाने की पुरी कोशिश की जिस पलानिंग पर ध्यान जीवन कुमार को देना पर रहा था दूसरी तरफ बीजेपी का कोर वोटर ब्राह्मण समाज से दुर्गाचारण मिश्र ने अपने समाज में गोलबंदी कर ली थी जिसके कारण जीवन कुमार को इस वोट पर भी मशक्कत करना पर रहा था अब तीसरा संजीव श्याम जो महागठबधन के उम्मीदवार जो राजपुर समाज से आते है. उसके चलते उस समाज का भी वोट जीवन कुमार के खाते में बहुत मुश्किल से आ रहा था और प्रत्येक दिन प्रशांत किशोर का प्रोपोगंडा का भी सामना करना पड़ रहा था लेकिन जीवन के कुमार के पोलिटिकल स्ट्रेटजी के आगे प्रशांत किशोर और महागठबंधन का भी स्ट्रेटेजी बौना पड़ा और अंततः सभी वोटों में सेंधमारी कर जीवन कुमार अकेले करीब 48 परसेंट पर कब्ज़ा जमाने में कामयाब हुए और बचे हुए 52 परसेंट में सभी 11 कैंडिडेट को बोट आया । मजे कि बात ये है कि मुस्लिम और यादव समाज का वोट भी जीवन कुमार ठीक ढंग से मैनेज करके अपने पक्ष में हद तक किये हुए थे।अंततः बिहार के सभी सीटों में केवल जीवन कुमार ने ही सबसे अधिक बोटों से जीत कर बीजेपी को अपना मेसेज देने में कामयाब रहे ।