भारत सनातन विचारधारा की एकात्म मानववाद के रचयिता थें पंडित दीनदयाल : डॉ. मनीष
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चंद्रमोहन चौधरी .
बिक्रमगंज। जनसंघ के संस्थापक, एकात्म मानववाद व अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर मंगलवार को भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री सह सीनेट सदस्य वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा डॉ. मनीष रंजन के नेतृत्व मनाया गया। उपस्थित लोगों ने उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। साथ ही डॉ. मनीष ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सन 1953 से 1968 ई० तक भारतीय जनसंघ के नेता रहे। जो एक गंभीर दार्शनिक एवं गहन चिंतक होने के साथ-साथ वह एक ऐसे समर्पित संगठनकर्ता और नेता थे जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में व्यक्तिगत शुचिता एवं गरिमा के उच्चतम आयाम स्थापित किये। भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के समय से ही वह इसके वैचारिक मार्गदर्शक और नैतिक प्रेरणा-स्रोत रहे हैं।
उनका राजनीतिक दर्शन मानव मात्र की आवश्यकताओं के अनुरूप और हमारे प्राकृतिक आवास के अनुकूल राजनीतिक कार्यप्रणाली एवं शासकीय कौशल का मार्ग प्रशस्त करने वाला एक चहुंमुखी वैकल्पिक जीवन दर्शन रहा है। जिनकी अनेकता में एकता और विभिन्न रूपों में एकता की अभिव्यक्ति भारतीय संस्कृति की सोच रही है। उन्होंने समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करते भाजपा महामंत्री ने हुए बताया कि आज भी हम सभी को उनके मार्गदर्शक पर चलते हुए उनके सपने को साकार कर भारत की एक नई ऐतिहासिक गाथा को पूरे विश्व में लिखनी चाहिए। मौके पर प्राचार्य डा. सुरेंद्र सिंह, रविप्रकाश सहित कई लोग उपस्थित थे।