आज के परिवेश में देशरत्न, भारतरत्न, देश के प्रथम राष्ट्रपति, संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रासंगिकता
मनोज कुमार ।
महान स्वतंत्रता सेनानी, देशरत्न, भारतरत्न, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की 140 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर गया के स्थानीय इंडिया गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण में आज के परिवेश में राजेंद्र प्रसाद की प्रासंगिकता विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण के पाश्चात्य वक्ताओं ने गोष्ठी को संबोधित किया।गोष्ठी को बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, श्रीकांत शर्मा, राम प्रवेश सिंह, शिव कुमार चौरसिया दामोदर गोस्वामी, विपिन बिहारी सिन्हा, विशाल कुमार, अमरजीत कुमार , सत्येंद्र सिंह, मोहम्मद लाडला , जय प्रकाश नारायण मिश्रा उर्फ लल्लू बाबा,
आदि ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान अधिवक्ता, संविधान सभा के पूर्व अध्यक्ष , देशरत्न ,भारतरत्न, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का पूरा जीवन भारतवासियों के लिए हमेशा प्रासंगिक एवं हितकारी है, उनके जीवनी में जब देश के छात्र, युवा इनके परीक्षा की कॉपी देखने वाले एग्जामिनर ने लिखा था कि एक्जामनी इज़ बेटर डैन एक्जामनर से शुरू होकर विद्वान अधिवक्ता के रूप में पूरे विश्व को लोहा मनवाने वाले, संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में अहम भूमिका निभाने वाले, देश के प्रथम राष्ट्रपति होने के बाद दूसरा टर्म भी बनने यानी 12 वर्षों के स्वर्णिम दौर, तथा बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी कार्यालय सदाकत आश्रम, पटना में अंतिम सासें गिनने वाले महापुरुष राजेंद्र बाबू की जीवनी भारतवासियों के लिए हमेशा प्रेरणादायक है ।
नेताओ ने बिहार सरकार से देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की जयंती पर जयंती पखवाड़ा तथा सभी शिक्षण संस्थानों में इनकी जीवनी पर