पराली नहीं जालाने को लेकर प्रबंधन समिति ने मानी में निकाली जागरूकता रैली
चंद्रमोहन चौधरी ।
बिक्रमगंज। जैव विविधता प्रबंधन समिति मानी की तरफ से रविवार की सुबह मानी गांव मेंं जागरूकता रैली निकाली गई। किसानों को पराली नहीं जलाने के प्रति जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि पराली जलाने से किस तरह से मिट्टी की पोषक तत्वों की क्षति होते जा रही है तथा पर्यावरण प्रदूषित होने से स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिला प्रशासन प्राथिमकी दर्ज कराकर दंडात्मक कार्रवाई करके किसानों को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित कर रही है। जागरूकता रैली में बड़ी संख्या में किसानों और युवाओं ने भाग लिया। गांव की गलियों में पर्यावरण संरक्षण के नारे गूंज उठी। कृषि विभाग के फसल अवशेष प्रबंधन का पंपलेट भी वितरण किया गया। स्वच्छता-पर्यावरण मांगे जनभागीदारी, पराली नहीं जलाएंगे,गांव को प्रदूषण से बचाएंगे। ग्रीन मानी क्लीन मानी आदि नारे के साथ लोग पूरे गांव का भ्रमण कर दुर्गा स्थान पर आकर सभा में तब्दील हो गयाी। जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मृत्युंजय मानी ने कहा कि पराली नहीं जलाने का आदर्श स्थापित करके राज्य में मानी पंचायत के किसान अग्रणी भूमिका निभाएं। मशीनिकरण के दौर में पराली जलाने की समस्या देशव्यापी बन गई। पुआल का हमलोग दूसरे रूप में इस्तेमाल करें और पराली न जलाकर मिट्टी के पोषक तत्वों को बचाना होगा। यह सब जनभागीदारी से ही संभव है। इस अवसर पर जैव विविधता प्रबंधन समिति के किसान क्लब के अध्यक्ष जर्नादन सिंह ने कहा कि हम सभी किसान सजग हैं। हमलोगों को राज्य सरकार विकल्प उपलब्ध कराए। किसान चंद्रमा साह ने कहा कि सरकार प्रचार-प्रसार तेजी से कर रही है। किसान करें तो क्या करें। सरकार को विकल्प देना होगा। किसान गोपाल चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों पर दंडात्मक कार्रवाई के बदले समाधान दें।
प्रयास होगा कि पराली न जले। किसान अशोक सिंह ने कहा कि हम अपने खेत में पराली नहीं जलाएंगे। पराली जलाने पर आने वाली पीढ़ी हमलोगों को माफ नहीं करेगी तथा भूमि बंजर हो जाएगी। सरपंच अनील कुमार चंचल ने कहा कि जैव विविधता प्रबंधन समिति के इस प्रयास की जीतनी सराहना की जाए कम होगी। जैव विविधता युवा क्लब के अध्यक्ष बादल सिंह ने कहा कि हम सभी युवा पराली नहीं जलाने देंगे। प्रभात फेरी में जैव विविधता भूतपूर्व सैनिक के अध्यक्ष दीपक सिंह, किसान हरेराम सिंह, प्रवींदर चौधरी, राजू सिंह, अजीत सिंह, मो. फुल खां, मकुनी पांडे, गुड्डू चौधरी, अनुज कुमार, राधेश्याम, उज्जवल, सुधाकर सिंह, संजय चौधरी, राहुल बैठा, भोला रविदास, दीनानाथ साह आदि ने भाग लिया तथा पराली नहीं जालाने का संकल्प लिया।जागरूकता रैली की पूर्व संध्या पर शनिवार को मानी गांव में किसानों के बीच परिचर्चा का आयोजन किया गया। उसमें किसानों को पराली जलाने से होने वाली क्षति के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। किसानों ने पराली खेत से हटाने की व्यवस्था नहीं होने के बाद भी नहीं जलाने के विषय पर गंभीरता से मंथन किया। किसानों ने धान की फसल खेत में गिर जाने से कटाई में होने वाली परेशानियों पर चिंता प्रकट किया। किसानों ने सवाल उठाया कि धान की फसल की कटाई के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे हैं। मशीन पर निर्भरता है। इसमें फसल बड़े पैमाने पर क्षति हो सकती है। परिचर्चा की अध्यक्षता जैव विविधता प्रबंधन समिति के किसान क्लब के अध्यक्ष जर्नादन सिंह ने किया।