शिवराम बाबू ने गौ, ब्राह्मण, संत एवं गरीबों की सेवा को ही अपना धर्म माना था-डॉ विवेकानंद मिश्र
विश्वनाथ आनंद ।
गया (बिहार)-अपने बहुमुखी विरेक्षण व्यक्तित्व अपरिमेय करते तो गांव ब्राह्मण संत एवं गरीबों की सेवा को ही शिवराम बाबू ने अपना परम धर्म माना था वही इनका सबसे बड़ा पहचान था उनका अभाव आज भी सोहर दे लोगों को खटकता है यह कथन है विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्र का उन्होंने शिवराम बाबू के दशमी पुण्यतिथि पर उनके चरणों पर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उद्गार प्रकट करते हुए कहा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें प्रसन्नता है कि उनकी धर्मपत्नी श्रीमती उषा डालमिया ने काफी हद तक समस्त डालमिया परिवार के साथ उनके अधूरे सपनों को पूरा करने में अपने जीवन समर्पित कर दिया है। जिन्हें भी प्रभु से लंबी आयु की कामना की। इस अवसर पर ज्योतिष शिक्षा एवं शोध संस्थान के निदेशक डॉ ज्ञानेश भारद्वाज ने कहा कि मैं इनकी स्नेही छांव में कड़ी धूप से बचने का सनातन धर्म का ज्ञान की दीप माला मेरे गले में पड़ी है। आज भी इनका स्मरण हमें समुचित मार्ग पर ले जाने का निर्देश देता है।
यह एक मानव नहीं महामानव थे। महासभा में मंच के संरक्षक आचार्य वल्लभ जी महाराज जाने-माने सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्रा बिहार प्रदेश राजद के वरिष्ठ नेत्री रूबी कुमारी डॉ मृदुल मिश्रा विश्वजीत चक्रवर्ती सुप्रसिद्ध वैद रविंद्र पाठक छोटे बाबू अद्यतन भारत के रवि भूषण पाठक रंजीत पाठक पवन मिश्रा हरि नारायण त्रिपाठी सुरेंद्र द्विवेदी कौटिल्य मंच के वरिष्ठ पदाधिकारी देवेंद्र कुमार पाठक राजीव नयन पांडे रीता पाठक गुड़िया सिंह कविता रावत नीलम पासवान पुष्पा गुप्ता रंजन पांडे सुमन कुमारी नुसरत जहां तसलीमा तरन्नुम तारा रेशमा परवीन रीता पाठक नीलू परवीन शंभू गिरी सुनील गिरी के अलावे बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।