अनुमंडलीय अस्पताल में निरीक्षण के नाम पर हो रही खानापूर्ति,कांग्रेस अध्यक्ष रामरतन गिरी

संतोष कुमार ।

मुख्यालय स्थित अनुमंडलीय अस्पताल सह ट्रामा सेंटर में सुविधा के नाम पर मरीजों को ठगा जा रहा है।पदाधिकारी अस्पताल की जांच कर उसमें बेहतर व्यवस्था करने की बात तो करते हैं,पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है।प्रखण्ड कांग्रेस अध्यक्ष रामरतन गिरी ने बताया कि अस्पताल के निरीक्षण के नाम पर सिविल सर्जन समेत अन्य पदाधिकारी सिर्फ खानापूर्ति में जुटे हुए हैं।अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधा नदारद है।अस्पताल के बेड पर बिछने वाले चादर तक उपलब्ध नहीं है।गुरुवार को अस्पताल के निरीक्षण में आये सिविल सर्जन ने भी वार्ड के बेड पर गंदे चादर बिछा हुआ पाया।प्रखण्ड अध्यक्ष ने कहा कि जिले के एकमात्र एनआरसी बन्द पाया रह रहा है।साथ ही छोटे बच्चों के लिए पीकू की व्यवस्था की गई है,जो अक्सर बन्द पाया जाता है और पीकू में ड्यूटी में रहे जीएनएम छुट्टी मारकर घर में रहते हैं।

लेकिन जैसे ही सिविल सर्जन के आने की सूचना मिलती है,अस्पताल के सभी यूनिट कार्यरत दिखाई देते हैं।बताते चलें कि इसी माह के पहले सप्ताह में जिला प्रभारी मंत्री एवं जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीओ आदित्य कुमार पीयूष को अस्पताल की जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई थी।जिसके आलोक में एसडीओ ने एक जांच टीम का गठन किया।गठित टीम का नेतृत्व डीसीएलआर प्रमोद कुमार ने किया एवं इस टीम में अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी डॉ. अविनाश कुमार,बीडीओ संजीव झा,सीओ मो. गुफरान मजहरी एवं बीपीआरओ राजन कुमार थे।उन्होंने जांच के दौरान अस्पताल में कमियां ही कमियां पाई थी।जांच टीम द्वारा अस्पताल गंदगी की भरमार थी।साथ ही एनआरसी एवं पीकू पूर्णतः बन्द पाया गया था।वहीं पीकू में एक्सपायर्ड दवाई तक जांच टीम को मिला था।जांच टीम ने एक रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को सुपुर्द किया था।बावजूद अस्पताल के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रही है।जिससे ग्रामीणों में स्वास्थ्य विभाग से विश्वास उठता जा रहा है।वहीं जिला मुख्यालय में मीटिंग कर अवैध जांच घरों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही जाती है।किंतु रजौली क्षेत्र में दर्जनों जांच घर हैं,जिसकी जांच तक नहीं की जाती है।कुल मिलाकर देखा जाए तो स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा के नाम पर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा है।

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