पितृपक्ष मेला के अवसर पर हर वर्ष घाटों पर पितरों की दिवाली मनाने की परंपरा है

मनोज कुमार ।

गया, 28 सितंबर 2024, पितृपक्ष मेला के अवसर पर हर वर्ष घाटों पर पितरों की दिवाली मनाने की परंपरा है। इस परंपरा के तहत तीर्थयात्री, नदी घाटों को दीपों से सजाते हैं एवं दीपों को जलाकर नदी में प्रवाहित करते हैं। इसके अलावा कुछ पिंडदानी घाटों पर पटाखा भी छोड़ते हैं। इस वर्ष 30 सितंबर यानी परसो की दिन पितरों की दीपावली मनाई जाएगी।
ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने सभी पिंडदानियों से अपील किया है कि राज्य सरकार एव ज़िला प्रशासन गया द्वारा आप सभी के लिये अनेको प्रकार की व्यवस्था हर वर्ष किया जाता है, ताकि आप आराम से तर्पण एव पिंड दान कर सके। घाटों पर बड़े बड़े पंडाल बनाये गए है, ताकि आप धूप पानी से बच कर छाव में तर्पण एव पिंड दान करें। आप सभी से, यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए अपील है कि घाटों पर किसी भी प्रकार का पटाका फोड़ने का कार्य न करें , जिससे आगजनी या अन्य प्रकार की कोई भी समस्या उत्पन्न हो सके।

डीएम ने कहा कि पितरों की दीपावली तिथि यानी 30 सितंबर के दिन पटाखा फोड़ना पूरी तरह माना है। मेला क्षेत्र विशेष कर मंदिर एवं घाट के तरफ कहीं भी पटाखा नहीं छोड़ा जाएगा। डीएम ने अनुमण्डल पदाधिकारी सदर को निर्देश देते हुए कहा कि उक्त क्षेत्रों में धारा 144 लगाया गया है, कहीं भी पटाखा छोड़ता है तो संबंधित के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज की जाएगी। इसे पूरी सख्ती से पालन करवाये।
इसके अलावा डीएम ने नियंत्रण कक्ष के पदाधिकारियों एव घाट/ मंदिर में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी/ पुलिस कर्मियों को भी कहा कि आप सभी लगातार माइक से अनाउंसमेंट भी करवाते रहे इसके अलावा यात्रियों को जगह-जगह पर इस संबंध में जानकारी भी देते रहे।