सुप्रीम कोर्ट का फैसला पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र में बराबरी के मौके की जीत है _ कॉंग्रेस
मनोज कुमार ।
आज सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले में भारतीय स्टेट बैंक की लेटलतीफी को लेकर फटकार लगाते हुए इस सम्बंध में सीलबंद लिफाफे में जो आकड़े है, उन्हें कोर्ट में उपलब्ध कराने को कहा है । सुप्रिम कोर्ट ने समय बढ़ाने की भारतीय स्टेट बैंक के याचिका को खारिज करके पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतंत्र में बराबरी के मौके की जीत है।विहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, श्रवण पासवान, टिंकू गिरी, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, मोहम्मद समद, शिव कुमार चौरसिया, आदि ने कहा कि चुनावी बॉन्ड प्रकाशित करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा साढ़े चार महीने मांगने के बाद साफ़ हो गया था कि मोदी सरकार अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रही है।
नेताओं ने कहा कि आज के माननीय सुप्रिम कोर्ट के फैसले से देश को जल्द चुनावी बॉन्ड से भाजपा को चंदा देने वालों की लिस्ट पता चलेगी। मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, घपलों और लेन देन की कलई खुलने की यह पहली सीढ़ी है।नेताओं ने कहा कि अब भी देश को ये नहीं पता चलेगा कि भाजपा के चुनिंदा पूंजीपति चंदा धारक किस- किस ठेके के लिए मोदी सरकार को चंदा देते थे, उसके लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट को उचित निर्देश देने चाहिए।नेताओं ने कहा कि मीडिया के माध्यम से ये तो उजागर हुआ ही है कि भाजपा किस तरह ई डी- सी बी आई- आई टी रेड डलवा कर चंदा वसूल ती थी।नेताओं ने कहा कि अब बहुत जल्द नरेंद्र मोदी सरकार के चंदे के धंधे की पोल खुलने वाली है। चुनावी बॉन्ड भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है, जो भ्रष्ट उद्योग पतियों और सरकार के नेक्सस की पोल खोल कर नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देश के सामने लेकर आएगा।नेताओं ने कहा कि 100 दिन में स्विस बैंक से काला धन लाने का वादा कर सत्ता में आयी सरकार अपने ही बैंक के डेटा छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सिर के बल खड़ी हो गई।नेताओं ने कहा कि संपूर्ण देश में यह चर्चा है कि चंदा देने वालों पर कृपा की बौछार और जनता पर टैक्स की मार, यही है भाजपा की मोदी सरकार ।