अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन ने दिखाई सख्ती, सड़क एवं फुटपाथ को कराया गया अतिक्रमण मुक्त
दिवाकर तिवारी ।
सासाराम। शहर में आए दिन हो रही जाम की समस्या को देखते हुए अब जिला प्रशासन ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाना शुरू कर दिया है। बीते कई दिनों से सड़क जाम की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी और प्रशासनिक अधिकारियों सहित आम लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। इसी को लेकर प्रशासन ने गुरुवार को भी पोस्ट ऑफिस चौराहा, कचहरी, करगहर मोड सहित शहर की पुरानी जीटी रोड पर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान सड़क किनारे लगे दर्जनों फुटपाथी दुकानदारों को सड़कों से दूर हटाया गया तथा चेतावनी भी दी गई। जिससे सड़कों का नजारा बदला बदला सा दिखाई दिया। इस संदर्भ में कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रमा राम ने बताया कि प्रशासन द्वारा सड़क किनारे लगे सब्जी दूकान, ठेला तथा फल दुकानों आदि को हटाने की लगातार चेतावनी दी जा रही थी।
लेकिन अतिक्रमणकारियों द्वारा सड़कों को खाली नहीं किया गया। जिसके बाद प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया और सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। बता दें कि शहर में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या बन गई है। सड़क किनारे दुकानदारों एवं ठेले खोमचे वालों द्वारा फुटपाथ व सड़कों का अतिक्रमण कर लिया गया है। जिससे पैदल चलने वाले लोगों को भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। दुकानदार अपनी दुकानों के सामने चबूतरे आदि का निर्माण कर अपने सामानों को रख देते हैं। जिससे सड़कें तंग हो जाती है। जबकि बची खुची कसर वाहन चालक अपने मोटरसाइकिल एवं कार को सड़क किनारे पार्क कर पूरी कर देते हैं। इसी को देखते हुए समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाता है। कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रमा राम के नेतृत्व में चलाए जा रहे अतिक्रमण अभियान के दौरान अधिकारियों और काफी संख्या में पुलिस फोर्स को देख दुकानदारों में अफरा-तफरी का माहौल रहा तथा सभी दुकानदार अपने सामानों को दुकान के अंदर व्यवस्थित करने में मशगूल रहे। हालांकि इस दौरान राहगीरों की भीड़ भी मौके पर जुटी रही। तकरीबन दो घंटे तक चले अतिक्रमण अभियान के दौरान बाजारों एवं सड़कों पर काफी गहमागहमी रही तथा ठेले खोमचे वाले इधर-उधर भागते दिखाई दिए। अतिक्रमण को लेकर नगर निगम द्वारा भी कई बार प्रचार प्रसार किया गया तथा अतिक्रमण नहीं हटाने वाले लोगों से जुर्माना वसूल करने की बात कही गई। लेकिन बावजूद इसके लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसके पश्चात प्रशासन ने अब सख्ती दिखानी शुरू कर दी है।