रेलवे के आधुनिकीकरण से कुलियों के रोजगार प्रभावित, आर्थिक तंगी से गुजर रहे कुली

DIWAKAR TIWARY.

रोहतास। रेलवे स्टेशनों पर 24 घंटे यात्रियों के आगे पीछे भाग दौड़ करने वाले कुलियों की हालत दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। रेलवे में हो रहे आधुनिकीकरण ने इनके समक्ष संकट पैदा कर दिया है। जिससे परिवार पर रोजी-रोटी का भी संकट गहराने लगा है और यह तबका हासिए पर जाता हुआ दिखाई दे रहा है। एक वक्त अमूमन ज्यादा सामान के साथ यात्रा करने वाले लगभग हर यात्री की निगाहें रेलवे स्टेशन में घुसने से पहले कुलियों को ढूंढती थी। लेकिन जैसे जैसे रेलवे का आधुनिककीकरण एवं रेलवे स्टेशनों पर सुख सुविधाओं में इजाफा हो रहा है, वैसे वैसे इनकी आजीविका पर संकट गहराता जा रहा है। इस संदर्भ में जब सासाराम रेलवे स्टेशन के कुलियों से बातचीत की गई तो कुली संजय यादव ने बताया कि स्वचालित सीढ़ियां, स्लाइडर, ट्रॉली बैग, लिफ्ट, व्हीलचेयर सहित अनेक सुख सुविधाओं के बढ़ने से अब रेलवे स्टेशनों पर हमें कोई नहीं पूछता। रेलवे का विकास अच्छी बात है लेकिन सरकार को हम कुलियों की आजीविका के बारे में भी सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रॉली बैग के चलन ने कुलियों के रोजगार को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।

सामान होने के बावजूद भी यात्री कुलियों को नहीं बुलाते। जिससे 10 12 घंटे काम करने के बावजूद भी घर का गुजारा नहीं चल पाता है। वहीं कुली मुकेश कुमार यादव ने बताया कि दिन भर रेलवे स्टेशनों पर समय बिताने के बावजूद भी 100 से 200 रुपए तक हीं कमाई हो पाती है जिससे बाल बच्चों का पेट भरना भी अब मुश्किल हो रहा है। अधिकतर लोग खुद हीं अपना सामान ढोने लगे हैं तथा बहुत अधिक समान होने पर हीं यात्री कुलियों को पूछते हैं। कुलियों ने कहा कि रेलवे के विकास के साथ-साथ सरकार को हमारी आजीविका पर भी ध्यान देना चाहिए तथा सभी कुलियों को चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों में समायोजित करें। जिससे कुली अपने बच्चों का भरण पोषण करते हुए एक सम्मानजनक जीवन जी सकें।
बता दें कि रेलवे की ओर से कुलियों को बिल्ला, यूनिफार्म, रेस्टरूम, चिकित्सीय सुविधा सहित नि:शुल्क रेलवे पास उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन आधुनिकता के दौर में ये सारी सुविधाएं अब कुलियों के लिए नाकाफी साबित हो रही हैं। हालांकि पूर्व में कुलियों को गैंगमैन के पद पर समायोजित करने की कवायद भी शुरू की गई थी। लेकिन किसी कारणवश समायोजन नहीं हो पाया और कुलियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। गौरतलब हो कि मौजूदा समय में रेलवे के विकास में क्रांति देखी जा रही है। हाई स्पीड ट्रेनों के परिचालन के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों को भी उच्च स्तरीय बनाया जा रहा है। जिसके तहत प्लेटफार्म तक यात्रियों की सुलभ पहुंच के लिए स्वचालित सीढ़ियां, लिफ्ट, व्हील चेयर सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जबकि ट्रेनों को भी अत्याधुनिक सुख सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। रेलवे में हो रहे विकास ने यात्रियों के सफर को आरामदायक व आसान तो बना दिया है किन्तु एक तबके को बुरी तरह प्रभावित भी किया है। जिसके उत्थान के लिए सरकार को कोई ठोस कदम उठाने होंगे।

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