नारी मुक्ति आन्दोलन की प्रणेता सावित्रीबाई फूले की जयंती मनाई गई
धीरज ।
गया के स्थानीय अनुग्रह नारायण रोड मे कॉंग्रेस पार्टी के नेता कार्यकर्ता कौशल विकास के उत्प्रेरक महिलाओ, मजदूरों के बीच भारत की पहली महिला शिक्षक, नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता सावित्रीबाई फूले की 192 वीं जयंती मनाई गई है।सर्वप्रथम सावित्रीबाई फूले के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात् उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया है। इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, शिव कुमार चौरसिया, श्रवण पासवान, मिथिलेश सिंह, टिंकू गिरी, ,बाल्मीकि प्रसाद, राहुल चंद्र वंशी, अशोक राम, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, उदय शंकर पालित, मुन्नीदेवी, चम्पादेवी, मीरादेवी, खुशबुकुमारी, आदि ने कहा कि सावित्रीबाई फूले महान समाज सुधारक, दार्शनिक एवं कवयित्री थी। उनकी कविताए अधिकतर प्रकृति, शिक्षा और जाति प्रथा को खत्म करने पर केंद्रित होती थी। ऐसे वक्त जब देश में जाती प्रथा अपने चरम पर थी ।उस समय भी वो अन्तर्जातीय विवाह को बढावा दिया था।नेताओं ने कहा सावित्रीबाई फूले जब स्कूल जाती थी, तो विरोधी लोग उनपर पत्थर मारते थे, गंदगी फेंकते थे, परंतु सभी सामाजिक मुश्किलें को झेलते हुए आधी आबादी को शिक्षित बनाने हेतु जीवन भर संघर्ष किए।
नेताओं ने कहा कि आज सावित्रीबाई फूले देश की महिलाओ की महा नायिका है, जो हमेशा हर बिरादरी और धर्म के लिए आजीवन काम किया है।नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव में तथा राज्यों मे होने वाले विधानसभा चुनाव में नए महिला आरक्षण विधेयक के तह त 33% सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने की आवाज भी बुलंद किए हैं।