धोखा घड़ी मामले में कॉलेज प्रशासन ने पूर्व प्रोफेसर के खिलाफ की अनुशासनात्मक कार्रवाई यूजीसी के मापदंडों को दरकिनार कर कई वर्षों बने रहे प्रोफेसर: शब्बी शमसी

मनोज कुमार,

गया-  मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व प्रोफेसर अब्दुल कादिर के विरुद्ध कॉलेज की शासी निकाय ने मोर्चा खोल दिया है उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है जिन्होंने जिन्होंने बिना किसी यूजीसी के मापदंड के अनुसार कई वर्षों तक विभाग में प्रोफेसर बने रहे। यह बातें आयोजित प्रेस वार्ता में कॉलेज के साथी निकाय के सचिव शब्बी समसी एवं अध्यक्ष मसूद मंजर ने कही। उन्होंने बताया कि प्रोफेसर अब्दुल कादिर प्रोफेसर रहते हुए पद का दुरुपयोग किया और एक अंग्रेजी समाचार पत्र में कार्य कर करते हुए सैलरी उठाते रहे, जो नियम के विरुद्ध है। साथ ही इनके पास पीएचडी की कोई डिग्री नहीं है। नहीं सेमिनार अटेंड किया है और नहीं कोई अकादमिक पब्लिकेशन और रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया है। इन्होंने कॉलेज प्रशासन को आंखों में धूल झोंक कर दस्तावेज प्रस्तुत किया और सेवाएं दी। हाल ही के दिनों में कॉलेज में कुलपति के आगमन का इन्होंने बहिष्कार कर कॉलेज की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। साथ ही विभाग के एक महिला प्रोफेसर पर अभद्र टिप्पणी किया है। सोशल मीडिया पर भी गर्वनिंग बॉडी के सेक्रेटरी और प्रोफेसर इंचार्ज के विरोध भ्रामक और बेतुका बयान बाजी किया है। जिसके खिलाफ साइबर क्राइम के तहत प्राथमिक की दर्ज की गई है। अब कॉलेज प्रशासन अब्दुल कादिर पर न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करेगी ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। प्रेस वार्ता में प्रोफेसर इंचार्ज समेत के शिक्षक गण उपस्थित थे।