त्रिस्तरीय पंचायतीराज एवं नगर निकाय अधिकार मंच गठित,अधिकारों की मांग को ले चलेगा धारदार आंदोलन
मनोज कुमार ।
गया. सरकार द्वारा अधिकारों से वंचित किए जाने के खिलाफ धारदार आंदोलन की रणनीति जनप्रतिनिधियों के द्वारा तैयार की गई है. इसे लेकर रविवार को जिला परिषद के सभागार में जिले के सभी जिला परिषद, वार्ड पार्षद (नगर निगम), मुखिया, पंच, वार्ड सदस्य की एक बैठक हुई. बैठक में कमेटी का गठन किया गया. जनप्रतिनिधियों की चली महाबैठक में एक बड़ा मोर्चा तैयार किया गया, जिसका नाम त्रिस्तरीय पंचायतीराज एवं नगर निकाय अधिकार मंच दिया गया है. इस मंच के तले अब जिले के पंचायत नगर के प्रतिनिधि अपने अधिकारों को पाने को लेकर सरकार के खिलाफ धारदार आंदोलन चलाएंगे.
गठित त्रिस्तरीय पंचायतीराज एवं नगर निकाय अधिकार मंच में ये हुए हैं शामिल
त्रिस्तरीय पंचायत राज एवं नगर निकाय अधिकार मंच की गठित कमेटी में अध्यक्ष का पद जिला परिषद अध्यक्ष नैना देवी को दिया गया है. वहीं, संरक्षक गया के मेयर वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान को बनाया गया है. महामंत्री के रूप में जिप उपाध्यक्ष शीतल प्रसाद यादव बने हैं. वही संयोजक के तौर पर पूर्व डिप्टी मेयर सह सशक्त स्थाई समिति के डॉ. अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव को बनाया गया है. इसके अलावा कोषाध्यक्ष जिप सदस्य बेलागंज बबीता देवी को बनाया गया है. सचिव के रूप में मुखिया संघ के सीताराम यादव बनाया गया है. वहीं उपाध्यक्ष के तौर पर जिप सदस्य सुरेश प्रसाद यादव, बालेश्वर यादव, मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ डब्लू यादव, प्रमुख संघ के जिलाध्यक्ष कांति देवी, पार्षद तबस्सुम परवीन, डिप्टी मेयर चिंता देवी को शामिल किया गया है.
पंचायत-नगर प्रतिनिधियों की उपेक्षा के खिलाफ सरकार के खिलाफ उतरेगें
इस संबंध में त्रिस्तरीय पंचायती राज एवं नगर निकाय अधिकार मंच के संयोजक अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के संविधान में 73वां 74वां संशोधन हुआ. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना पंचायती राज नगर निकाय का गठन का था. इस संविधान का संशोधन के बाद संविधान का वर्णन 243 में है. इसमें है, कि चाहे वह केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार विधि द्वारा जो होगा, मजबूती के लिए किया जाएगा. किंतु इसे मजबूती से नहीं लागू करके कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. विधानसभा हो या लोकसभा द्वारा जो होना है, वहां एक अधिकारी चिट्ठी अपनी सुविधा अनुसार लिख देता है, जो सही नहीं है. इसे लेकर रविवार को एक बैठक हुई, जिसमें जिले के सभी जिला पार्षद, सभी वार्ड पार्षद, मुखिया, पंचायत समिति, पंच, वार्ड सदस्य शामिल हुए, जिसमें एक मत होकर निर्णय लिया गया. यह तय किया गया कि त्रिस्तरीय पंचायत राज एवं नगर निकाय अधिकार मंच के बैनर तले आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी, जो कि पंचायत प्रतिनिधि, नगर प्रतिनिधियों के अधिकारों की होगी. सरकारी उपेक्षा का जोरदार विरोध किया जाएगा.
2 साल से नहीं हो रहा है विकास
वहीं, मंच के अध्यक्ष नैना देवी और और संरक्षक गणेश पासवान ने कहा कि अपने अधिकारों को लेकर संगठन बनाया गया है. इसके बैनर तले हम लोग एकजुट होकर अपने अधिकारों की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. यह लड़ाई मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी.
वही त्रिस्तरीय पंचायतीराज एवं नगर निकाय अधिकार मंच के महामंत्री शीतल प्रसाद यादव ने कहा कि पिछले 2 साल से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुआ है किंतु सरकार के द्वारा हमें अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. 2 साल होने को है, अभी भी विकास की गति धीमी है. सरकार की नजर कानून में संशोधन पर है और हमारे अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है. जिला परिषद में 100 करोड़ रुपए आए हुए हैं, लेकिन काम नहीं हो रहा है. इसके खिलाफ हम लोगों ने यह मंच गठन किया है और अब सरकार के खिलाफ अधिकारों के लिए लड़ाई चलेगी.
मौके पर पार्षद अंजली कुमारी, विनोद यादव, संजय सिन्हा, जिप सदस्य नागमणी कुमार, स्वेता यादव, गुड्डू पासवान, गुलिस्ता खातून, ओम यादव, जिप सदस्य ज्योति कुमारी, धर्मवीर सिंह उर्फ सरदार जी, जय प्रकाश यादव, डिम्पल कुमार, जितेंद्र कुमार, सहित अन्य मौजूद थे।