मदद के लिए कराह रहा है श्मशान और कब्रिस्तान

संतोष कुमार ।

नगर पंचायत क्षेत्र के पुराने पुल के नजदीक श्मशान एवं सतीस्थान मौजा टकुआटांड़ में कब्रिस्तान है।श्मशान में कचरों और दुर्गंध की भरमार है,तो वहीं कब्रिस्तान में अतिक्रमण व्याप्त है।श्मशान में अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले परिजनों को तबतक रहना पड़ता है।जबतक कि शव का पूर्ण दहन न हो जाय।शव को पूर्णतः दहन होने में तीन से चार घण्टे लगते हैं और ऐसी दुर्गन्धयुक्त वातावरण में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा आजतक इन दोनों मुद्दों से कोई सरोकार नहीं था और न ही साफ-सफाई कराई गई है।हालांकि कभी-कभार कुछ ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध अक्सर किया जा रहा था।किंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई।जिसका परिणाम है कि वर्तमान में श्मशान और कब्रिस्तान दोनों मदद के लिए तड़प रहा है।ग्रामीणों व वार्ड पार्षदों वार्ड 12 के प्रतिनिधि इरफान आलम, वार्ड 7 के प्रतिनिधि गोपाल सिंह एवं वार्ड 6 के प्रतिनिधि सुमित कुमार द्वारा सीओ को आवेदन दिया गया है। दिए गए आवेदन में बताया गया है कि कब्रिस्तान में नगर पंचायत के सतीस्थान के कुछ लोगों के द्वारा कब्जा किया गया है।जबकि कब्रिस्तान की पूर्व और दक्षिण दिशा में अलग से रास्ता छोड़ा गया है।ताकि आम लोगों को आने जाने में कोई परेशानी ना हो लेकिन पूर्व में कब्रिस्तान के कोने में प्रहलाद डोम रहता था।जिसको सरकार के द्वारा अलग से जमीन दिया गया था,जो कुंडला मोहल्ला बथान के पास में रहता है।लेकिन प्रहलाद डोम द्वारा छोड़ा गया जमीन को पुनः स्वर्गीय अजय डोम के परिजनों ने कब्जा कर लिया है।उसके साथ लालचंद डोम ने भी रास्ता पर अतिक्रमण कर लिया।साथ ही कब्रिस्तान की बाउंड्री पर छावनी भी डाल दिया गया है।बाउंड्री को तोड़कर इन सभी लोगों का कब्रिस्तान के अंदर से आना जाना चालू हो गया है।कब्रिस्तान के अंदर ही अपने मवेशियों गाय एवं सूअर की चारगाह बना दिया गया है,जो कि सरासर गलत है।नगर पंचायत रजौली के द्वारा कचरा फेंकने का स्थान निश्चित है।लेकिन कुछ लोगों कि गलत मनसा से कब्रिस्तान में कचरा फेंका जा रहा है।जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने आवेदन सीओ को आवेदन देकर जांचकर कब्रिस्तान को जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने की मांग की है।अब देखना है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा कितनी तत्परता से गंदगी और अतिक्रमण से कराह रहे श्मशान और कब्रिस्तान को मुक्ति मिल पाती है।

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