भारतीय संविधान से सेक्युलर, सोशलिस्ट शब्द गायब रहने से देशवासियो मे भ्रम _ कांग्रेस
मनोज कुमार ।
नये संसद भवन मे प्रवेश करते समय सरकार ने सांसदों को संविधान की प्रतियां दी गई जिसमे सेकुलर ( secular),और सोशलिस्ट ( socialist) शब्द गायब रहने तथा इनकी प्रतियां सम्पुर्ण देश मे वायरल होने के बाद आमजन मे यह काफि चर्चा, और भ्रम की स्थिति बनी हुई है का विषय बनी हुई है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्तता प्रो विजय कुमार मिठु, गया जिला यूवा कांग्रेस अध्य्क्ष विशाल कुमार, पूर्व विधायक मो खान अली, जिला उपाध्य्क्ष बाबू लाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, यूवा कांग्रेस प्रव्क्तता , मो शमीम आलम, मुरारी शर्मा,मनोज कुमार चंद्रवंशी,उदय शंकर पालित, प्रदुमन दुबे, शिव कुमार चौरासीया, टिंकु गिरी, बबलू राम, शशि कान्त सिन्हा,आदि ने कहा की नये संसद भवन मे प्रवेश करते समय सांसदों को दिये गये संविधान की अंग्रेजी प्रतियों के प्रीएमबल से सेकुलर और सोशलिस्ट शब्द गायब रहना हमारे देश के लोकतंत्र और संविधान का अपमान है।
नेताओ ने कहा की संविधान के प्रति मोदी सरकार के इस गैरजिमेदराना रवैये को यह देश किसी भी कीमत पर वर्दास्त नही करेगा, क्यो की यह संविधान पर विशवास रखने वाले करोड़ो भारतियो की आस्था से खिलवाड़ है।
नेताओ ने कहा की सन् 1976 मे देश के लोकप्रिय प्रधनमन्त्री इंदिरा गाँधी जी के कार्यकाल मे संविधान के प्रस्तावना के मूल प्रति मे पहले से अंकित पंथनिरपेक्ष शब्द के प्रयायवाची सेकुलर, सोशलिस्ट के रुप मे संशोधित किया गया था जिसे मोदी सरकार मिटने को आपदा है।
नेताओ ने कहा की जब यह बात सम्पुर्ण भारतवासियो के बीच आने पर अब आनन, फानन मे मोदी सरकार के मंत्री गन , नेता, इनके कार्यकर्ता द्वारा अब बोले जा रहे की यह तो संविधान की मूल प्रति है, संविधान संसोधन वाला वाद मे आएगा जो समझ से परे है।
नेताओ ने मोदी सरकार से इतिहास मिटाने की बजाय बनाने मे ताकत लगाने की सलाह देते हुय कहा की आज वर्षों से लंबित महिला आरक्षण विधेक् हो या भारत कनाडा का राष्ट्रीय मुद्दा हो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मोदी सरकार का समर्थन किया, परन्तु भाजपा, आर एस एस नीत् मोदी सरकार अपने सभी पुराने एजेंडा को राष्ट्रीय हित को दरकीनार हमेशा लाने को आतुर् है।