महाविद्यालय के स्थापना दिवस पर संस्थापक को किया नमन

चंद्रमोहन चौधरी l

बिक्रमगंज- अनजबित सिंह महाविद्यालय बिक्रमगंज के स्थापना दिवस पर संस्थापक स्वर्गीय नेपाल सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर प्रशासक और महाविद्यालय कर्मियों ने नमन नमन। महाविद्यालय के प्रशासक सह भूमि सुधार उपसमाहर्ता अविनाश कुमार ने कहा कि एक किसान परिवार में जन्मे नेपाल सिंह ने 1957 में महाविद्यालय की स्थापना की जो अपने आप में एक मिशाल के तौर पर सदियों तक याद रखा जाएगा। उस जमाने में ग्रामीण क्षेत्र लोग पढ़ाई लिखाई के बारे में भी नहीं सोंचते थे। देश 1957 के दस साल पहले यानी 1947 में आजाद हुआ था। गरीबी, अशिक्षा भुखमरी विरासत में मिली थी। अंग्रेजों ने देश को खोखला कर दिया था। किन्तु आजादी के दस साल बाद ही ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाने के लिए नेपाल सिंह जी, जो शुद्ध रूप से एक किसान के बेटे थे ने महाविद्यालय की स्थापना की। एक किसान द्वारा महाविद्यालय की स्थापना उस जमाने में कोई सोंच भी सकता था। लेकिन नेपाल बाबु ने इसको साकार किया। इससे उनके दूरदर्शी सोंच की जितनी भी प्रशंसा की जाय वह कम है। आज हजारों लड़के लड़कियां इस महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। अनगिनत छात्र छात्राएं यहां से शिक्षा प्राप्त करने के सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करते हुए समाज की सेवा में लगे हैं। प्रशासक ने महाविद्यालय के छात्र छात्राओं से अपील की कि आप प्रतिदिन कॉलेज में आएँ और नियमित रूप से क्लास करें। अभिभावकों से भी अपील की वे अपने बच्चों को नियमित रूप से क्लास करने के लिए प्रोत्साहित करें। राजभवन और सरकार के स्तर पर निर्देश दिया गया है कि जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत नहीं है होगी उन्हें परीक्षा फार्म भरने से रोक दिया जाए। सभी विषय में शिक्षक उपलब्ध हैं। उन्होंने छात्रों से कहा है कि अगर कोई शिक्षक क्लास नहीं लेते हैं उनके बारे में तत्काल प्रशासक को सूचना दी जाय। वैसे हमारे शिक्षक प्रतिदिन कॉलेज में आते हैं और क्लास लेने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने कर्मियों को भी कहा कि आप छात्रों के काम का निबटारा करने में कोताही नहीं करेंगे। महाविद्यालय छात्रों के लिए ही बना है। इसलिए उनको कोई परेशानी न हो इसका ख्याल रखा जाय। अंत में प्रशासक ने महाविद्यालय के संस्थापक पूजनीय नेपाल सिंह जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की कि वे उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें और महाविद्यालय का चतुर्मुखी विकास हो इसकी मंगल कामना की। मौके पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिका, शिक्षकेत्तर कर्मी और छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

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