प्रभु की आज्ञा के सामने हमारी प्रतिज्ञा मूल्यहीन-श्री.माधव जनार्दन रटाटे
विश्वनाथ आनंद l
गया( बिहार )- गया स्थानीय सुनंदा महाराष्ट्र भवन काठ गच्ची में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ के समापन के अवसर पर रटाटे ने कहा कि हमारे यहां सनातन संस्कृति की परंपरा में श्रीमद्भागवत का स्थान सर्वोपरि है.उन्होंने यह कहा यह हमें लोक कल्याण के लिए सत्य करुणा नैतिकता और मैत्री भाव के सिद्धांत द्वारा नैतिकता एवं सदाचार का पाठ पढ़ाता है. मानव मात्र को व्यक्ति पारिवारिक सामाजिक और राष्ट्रीय प्रगति के लिए केवल भौतिकवादी सभ्यता अनर्थकारी होती है. उन्होंने यह भी कहा कि यह सामाजिक सुधार की ओर नहीं ले जा सकती. इसके लिए आवश्यक है वेद और विज्ञान का समन्वय. इसी में मानवता का व्यापक कल्याण निहित है. उल्लेखनीय है की रटाटे जी महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित देश के जाने-माने कथा वाचक एवं बीएचयू में धर्मशास्त्र मीमांसा विभाग के विभाग अध्यक्ष हैं .इस अवसर पर रटाटे के अलावे सभी उपस्थित लोगों ने श्रीमद्भागवत कथा के आयोजिका ख्याति प्राप्त ज्योतिषाचार्य धर्म परायण विदुषी श्री सुनंदा मराठे को एक स्वर से लोगों ने प्रभु से उनकी लंबी आयु की कामना किया. श्रीमद् भागवत कथा समारोह को जिन प्रमुख व्यक्तियों ने सफल बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई उनमें देवेश्वर आर्वीकर , अच्युत मराठे, गौरी, रुक्मिणी पाठक ,आर्वीकर ,गायत्री मराठे, अनंत मराठे ,प्रीति मराठे ,अलका जोशी ,विनायक जोशी ,चिंतामणी मराठे ,कविता रावत, देवेंद्र नाथ मिश्रा ,पवन मिश्रा ,नीलम कुमारी, अर्चना वैशम्पायन, प्रेरणा मराठे, पार्वती मराठे, नीमा पावगी , डॉक्टर विवेकानंद मिश्र, शालन गोखले, कुंदन बरनवाल ,किरण पाठक ,सरिता पांडेय ,ऋषिका मराठे, कुंदन बरनवाल एवं सरिता पांडे का नाम शामिल है .