काराकाट के इटवा गांव में एक ही प्लॉट पर मत्स्य विभाग के अलग-अलग 5 योजना की स्वीकृति मामला का खुलासा
चंद्रमोहन चौधरी ।
बिक्रमगंज। काराकाट प्रखंड के इटावा गांव में मत्स्य विभाग द्वारा हैचरी निर्माण को लेकर मिलने वाले अनुदान की राशि का दुरुपयोग का मामला प्रकाश में आया है। एक ही प्लॉट पर मत्स्य विभाग के अलग-अलग 5 योजना कि स्वीकृति का मामला जब सामने आया तो मत्स्य विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची तथा छानबीन शुरू कर दी है। बताया जाता है कि जब पहले से एक ही जमीन पर चल रहे मत्स्य पालन के 4 योजनाओं के बाद जब प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत लगभग साढ़े छः करोड़ रुपए की राशि की योजना का कार्य आदेश निर्गत हो गया, तो स्थानीय लोगों ने इस की शिकायत की। शिकायत के बाद मत्स्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि मुख्यमंत्री मत्स्य तालाब निर्माण योजना के तहत 7 लाख 87 हजार, मुख्यमंत्री मत्स्य हैचरी निर्माण योजना के तहत 11 लाख रुपये, मुख्यमंत्री मत्स्य बायोफ्लो योजना के अंतर्गत 6 लाख 37 हज़ार, मुख्यमंत्री मत्स्य सह मुर्गी पालन योजना के अंतर्गत 3 लाख 21 हज़ार की राशि का भुगतान हो चुका है। जबकि आरोप है कि उसी जमीन पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत भी 6 करोड़ से अधिक की राशि का आवंटन होना था। इसकी शिकायत के बाद जिला मत्स्य पदाधिकारी इकबाल अंसारी मौके पर पहुंची तथा छानबीन शुरू कर दी। जमीन की माफी करवाई जा रही है। जिला मत्स्य पदाधिकारी ने कहा कि विभाग के आदेशानुसार यह मामला जांच में चल रहा है। उसके बाद ही स्थिति की पूरी जानकारी दी जाएगी। बता दें कि एक ही प्लॉट पर अलग-अलग कई योजनाओं को दिखाकर योजना की राशि का दुरुपयोग के मामले की जांच चल रही है।