जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि 70वां बलिदान दिवस मनाई गई

धीरज ।

एक भारतीय संविधान और देश के एक प्रधान लागू करने के लिए आंदोलन श्यामा प्रसाद मुखर्जी

गया।पितामहेश्वर मोहल्ले स्थित भाजपा महानगर कार्यालय में जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि शुक्रवार को 70वां बलिदान दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर पूर्व मंत्री सह नगर विधायक डॉ प्रेम कुमार की मौजूदगी में दर्जनों भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके तैैलचित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जनसंघ के संस्थापक और भारतीय राजनीति के इतिहास के एक चमकते हुए सितारे थे। डॉ मुखर्जी ने सदैव राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तुष्टीकरण की नीति का खुलकर विरोध किया।वह मानवता के उपासक और राष्ट्रवादी नेता थे। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए का पुरजोर विरोध कर पूरे भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। डॉ मुखर्जी एक ही देश में दो झंडे दो संविधान और दो प्रधान को गलत समझते थे। केंद्र सरकार की तुष्टीकरण नीति के कारण उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया था। वे हमेशा कश्मीर का भारत में विलय एक तिरंगा एक भारतीय संविधान और देश के एक प्रधान लागू करने के लिए आंदोलन किया।वे देश की खातिर 23 जून 1953 को श्रीनगर में बलिदान हुए।प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी उनके बलिदान को याद रखकर जम्मू कश्मीर से 370 व 35ए को समाप्त कर उनके बलिदानों को व्यर्थ जाने नहीं दिया गया है। अन्य नेताओं ने भी उनके राष्ट्र के प्रति बलिदानों को याद कर बताए हुए मार्गो पर चलने का संकल्प लिया है।इस मौके पर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता, धीरज रौनीयार, भाजपा नेता कंचन सिन्हा,अशोक साहनी, युवा नेता प्रेमसागर, अजय सिन्हा, विकास कुमार,प्रमोद तूरी, अशोक गुप्ता, दिलीप कुमार, धीरू सिन्हा, दीनानाथ प्रसाद एवं देवानंद पासवान सहित कई अन्य नेता उपस्थित थे।