समाहरणालय परिसर में महिलाओं के लिए शौचालय व शुद्ध शीतल पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने की किया मांग

विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद (बिहार)- बिहार के औरंगाबाद समाहरणालय परिसर में महिलाओं के लिए शौचालय एवं शुद्ध शीतल पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग जिला प्रशासन से औरंगाबादवासियों ने किया है . औरंगाबादवासियों ने भेंटवार्ता के दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि औरंगाबाद के समाहरणालय परिसर में कड़ाके की गर्मी के बावजूद भी शुद्ध शीतल पेयजल की व्यवस्था नहीं किया गया है. और ना ही महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था किया गया है . जिससे समाहरणालय परिसर में कार्य कराने हेतु पहुंचने वाले लोगों के बीच जटिल समस्या उत्पन्न हो गया है . जिसके लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जारी है . वहीं कर्मचारियों ने अपने नाम में छापे जाने की शर्त पर बताया कि क्या कहे सर जी समाहरणालय परिसर में कड़ाके की गर्मी पड़ने के बावजूद भी शुद्ध शीतल पेयजल की व्यवस्था नहीं किया गया है . जबकि प्रशासन का समाहरणालय परिसर मुख्य कार्यालय है . यहां प्रतिदिन हजारों ग्रामीण अपनी समस्या को लेकर आते हैं. परंतु इस कड़ाके की गर्मी में शीतल शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं किया गया है. जिसके लेकर काफी मशक्कत झेलना पड़ा .औरंगाबादवासियों ने कहा कि जब समाहरणालय परिसर में कड़ाके की गर्मी व बढ़ते तापमान के बावजूद भी शुद्ध शीतल पेयजल की व्यवस्था आगंतुकों के लिए नहीं किया गया है. इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की हालत क्या होगी . जबकि बिहार सरकार के नल जल योजना के तहत घर- घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित है . बताते चलें कि औरंगाबाद समाहरणालय परिसर में दो हथिया बोर चापाकल लगा हुआ है . जो पूरी तरह से खराब है . एक सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में नल लगाया गया है. जहां से गरम पानी सिंटेक्स से निकलता है . जो पीने की लाइक नहीं होता . वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के लिए दो स्थानों पर शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित किया गया है . लेकिन देखरेख के अभाव में बेकार पड़ा हुआ है . औरंगाबाद वासियों ने कड़ाके की गर्मी एवं बढ़ती तापमान को देखते हुए जिला समाहरणालय परिसर में जिला प्रशासन से शुद्ध शीतल पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था की मांग किया है .अब देखना है कि औरंगाबाद वासियों की मांग पर जिला प्रशासन कितना अमल कर पाता है ,यह तो आने वाला वक्त बताएगा .लेकिन जिस प्रकार से बढ़ती तापमान एवं कड़ाके की गर्मी के बावजूद समाहरणालय परिसर में शीतल शुद्ध पेयजल की व्यवस्था एवं महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं किया गया है. जिससे यह कहावत चरितार्थ सटीक बैठता है दीप तले अंधेरे .

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