संस्थागत प्रसव में सुधार हेतु आशा एवं एएनएम की गतिविधियों का करें मॉनिटरिंग- डीएम

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दिवाकर तिवारी ।

स्वास्थ्य विभाग की बैठक में 200 से कम ओपीडी करने वाले 27 चिकित्सकों से स्पष्टीकरण

रोहतास। जिला समाहरणालय स्थित डीआरडीए संवाद कक्ष में सोमवार को प्रभारी जिलाधिकारी शेखर आनंद की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस दौरान आगामी 16 जून से आयोजित होने वाले सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के समन्वयक कमिटी की उपस्थिति में कार्यक्रम से संबंधित गतिविधियों पर चर्चा किया गया। जहां डीपीसी डॉ मधुकर ने बताया कि इसमें पीएचईडी एवं आइसीडीएस द्वारा सहयोग करना है। ओआरएस और जिंक की ख़ुराक को भी बताया गया कि 2 माह से 6 माह के बच्चों को आधा टैबलेट और 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को 1 टैबलेट खिलाना है। वहीं सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी ने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी एमओआइसी को निर्देशित किया तथा यूनिसेफ के सीएमसी को आम जागरूकता हेतु प्रचार प्रसार करने की बात कही।
बैठक के दौरान जिला स्वास्थ्य समिति के जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अमित द्वारा पीपीटी के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम की समीक्षा की गई। उन्होंने जिला पदाधिकारी को बताया कि कुल 12 बिंदुओं के आधार पर जिले के 19 प्रखंडों की रैंकिंग तैयार की गई है। जिसपर डीएम ने निर्देश दिया कि लगातार 3 महीने तक नीचे से 3 रैंकिंग वाले प्रखंडों पर करवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में संस्थागत प्रसव में सुधार हेतु आशा और एएनएम की मॉनिटरिंग करें और इसके लिए एक ऐप का सहारा लिया जाये। सभी आशाओं को निर्देश दिया जाय कि जो आशा चौथे एएनसी के लिए गर्भवती माताओं को संस्थान में लाती हैं उनका प्रसव भी संस्थान में ही होगा। साथ हीं 200 से कम ओपीडी करने वाले 27 चिकित्सकों से स्पष्टीकरण करें। डीएम ने आइसीडीएस के डीपीओ को निर्देश दिया कि सभी कमजोर बच्चों को जिले में संचालित एनआरसी में भेजना सुनिश्चित करें तथा दवाओं की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। मौके पर एसीएमओ, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सहित जिले के सभी प्रखंडों के एमओआइसी, बीएचएम, बीसीएम एवं सीडीपीओ आदि उपस्थित रहे।