औरंगाबाद में नित्य भूगर्भ जलस्तर घटने व पेयजल संकट गहराने को लेकर सुझाव पत्र भेजा
विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद( मगध बिहार)- बिहार के औरंगाबाद में नित्य भूगर्भ जल स्तर घटने एवं पेयजल संकट गहराने को लेकर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रामानुज पांडे ने सुझाव पत्र लिखकर भारत के प्रधानमंत्री एवं बिहार के मुख्यमंत्री तथा सभी ग्राम एवं नगर निकाय प्रतिनिधि को सुझाव भेजा है . उक्त जानकारी भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहीं . उन्होंने जारी प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा है कि जिस प्रकार से नगर से लेकर ग्राम तक सभी जगह आवास रास्तों एवं नाली गली का पक्की करण हो रहा है .उसमें भूगर्भ से जो जल निकलते हैं ,और वर्षा का जो जल आवासीय क्षेत्रों में गिरता है वह सारे जल नालियों से होकर नालाओं से नदी और नदी से समुद्र में चले जाते हैं।
स्थानीय भूगर्भ में जल का एक बूंद भी नहीं जाने के कारण प्रत्येक वर्ष भूजल स्तर नीचे की ओर खिसक रहा है।कभी भूजल स्तर जो 15 से 30 फीट की दूरी पर था आज वह डेढ़ सौ से 500 फीट नीचे की ओर चला गया है ऐसी परिस्थिति में जबकि भूगर्भ जल का उपयोग कभी सिर्फ पेयजल के रूप में होता था।
आज लोगों की जीवन शैली बदली है और इस जीवन शैली के कारण लोगों का प्रति व्यक्ति भूगर्भ जल की खपत जहाँ बढ़ी है वहीं कृषि में भी भूगर्भ जल का उपयोग बेतहाशा बड़ा है।
ऊपर से बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण भी भूगर्भ जल पर समाज की निर्भरता भी असीमित रूप से बढ़ी है।
और इन सारी परिस्थितियों में लगातार भूगर्भ जल पर बढ़ती अधिकतम निर्भरता एवं बढ़ते पक्कीकरण के कारण भूगर्भ में जल का का नहीं जाना बहुत बड़े भूगर्भ जल संकट का कारण बनता जा रहा है।वहीं दूसरी तरफ सारे नाले नदियों के माध्यम से गांवों और नगरों से जो भारी मात्रा में प्लास्टिक और थर्माकोल के उत्पाद बहकर समुद्र में जा रहे हैं
जिनके कारण से समुद्र का बहुत बड़ा हिस्सा ढक चुका है वह भी एक बहुत बड़ा कारण है की पर्याप्त वर्षा का और समय परवर्षा का नहीं होना,
और जो वर्षा हो भी रही है उसका पानी का एवं प्रतिदिन खर्च होने वाले पानी का भूगर्भ में नहीं जाना
बहुत बड़ेब जल संकट का कारण बनता जा रहा है।आने वाले दिनों में कहीं पेयजल के लिए भी लोगों को तड़पना ना पड़ जाए।
ऐसी परिस्थिति में मेरा व्यक्तिगत सुझाव है-कि जिस प्रकार से माननीय मोदी जी आपकी सरकार ने एवं सभी सरकारों और निकायों ने पूरी तत्परता के साथ केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए सहायता के द्वारा #स्वच्छभारत भारत अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण कराए।
उसी प्रकार से #भूजलसमृद्ध_भारत अभियान चलाकर प्रत्येक घरों में भूगर्भ जल संग्रह यानी #सोख्ता का निर्माण सुनिश्चित कराने का महाअभियान चलाने की आवश्यकता है
और यह भविष्य के दृष्टि से और वर्तमान में संकट से जूझ रहे मानवता को बचाने के लिए परम आवश्यक है।
इसके लिए सभी स्तर के सरकार एवं जिम्मेदार संस्थाओं से विनम्र निवेदन है कि
इसे तत्कालिक आवश्यकता समझते हुए और राष्ट्र की एक प्रमुख समस्या मानते हुए इस पर अभिलंब विचार करते हुए मेरे आग्रह को स्वीकार किया जाए
एवं हर हाल में प्रत्येक घर में सोख्ता का निर्माण हो इसके लिए आवश्यक अनुदान एवं आवश्यक अधिनियम बनाया जाए ताकि जनजीवन पेयजल के संकट से उबर सके एवं भूगर्भ जल स्तर जो लगातार नीचे जा रहा है उसे रोका जा सके।