लग्जरी कार के चारों गेट में बने तहखाने से पुलिस को मिले 86 बोतल विदेशी शराब
संतोष कुमार ।
थाना क्षेत्र के अर्चना नगर स्थित रोड ब्रेकर के समीप शनिवार की सुबह लगभग 8:30 बजे नवादा की ओर जा रहे एक लग्जरी कार के दरवाजे में बने तहखाने से एएसआई माखन मालाकार ने 86 बोतल विदेशी शराब जप्त किया।मौके से कार चालक सह शराब धंधेबाज को भी गिरफ्तार किया गया।शनिवार की सुबह अर्चना नगर के समीप रोड ब्रेकर को पार करने के दौरान एक बोलेनो कार में एक आई10 कार ने पीछे से टक्कर मार दी।जिसको लेकर दोनों कार चालकों में तू-तू मैं-मैं होने लगा।इसी बीच सूचना पर गश्त में रहे एएसआई माखन मालाकार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच मामले को समझा बुझाकर शांत किया।वहीं लग्जरी कार आई10 संख्या एमपी21सीए 0850 पर पुलिस को संदेह हुआ।जिसके बाद वाहन की अच्छी तरह जांच की गई।जांच के दौरान कार के गेट में भारी मात्रा में शराब होने की पुष्टि हुई।जिसके बाद कार को जप्त एवं कार चालक सह शराब धंधेबाज को गिरफ्तार कर थाना परिसर लाया गया।थाना परिसर में कार के चारों गेट के अंदर बने तहखानों से रॉयल स्टेज नामक 375 एमएल के 86 बोतल शराब बरामद किया गया।जप्त शराब की कुल मात्रा 32.250 लीटर बताई जा रही है।वहीं गिरफ्तार कार चालक सह शराब धंधेबाज की पहचान मुफ़्सील थाना क्षेत्र के बरजपुरा गांव निवासी संतोष यादव के पुत्र कौशल कुमार के रूप में हुई है।थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने कहा कि जप्त शराब व कार एवं गिरफ्तार शराब धंधेबाज के विरुद्ध बिहार उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।साथ ही कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति से सघन पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाएगा।
पुलिस एवं उत्पाद विभाग डाल-डाल तो कारोबारी पात-पात
पुलिस एवं उत्पाद बलों के सहयोग से ग्रामीण एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में शराब निर्माण,परिवहन,भंडारण,बिक्री एवं सेवन के विरुद्ध लगातार छापेमारी अभियान चलाकर लगभग प्रत्येक दिन शराब कारोबारियों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा रहा है।इसके बावजूद शराब के धंधों में जुटे कारोबारी नए-नए तरीकों से शराब की खेंप बिहार पहुंचाने में जुटे हुए हैं।यहां पर डाल-डाल और पात-पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।शराब कारोबारी पहले लग्जरी कार के सीट में तहखाने बनाकर शराब परिवहन किया करते थे।किंतु चितरकोली समेकित जांच पर सख्ती के बाद वे गेट में भी तहखाने बनाकर शराब की खेंप बिहार के विभिन्न जिलों में करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शराब कारोबारी झारखण्ड के कोडरमा आदि जगहों से शराब को खरीदते हैं।फिर खरीदे गए शराब को बिहार प्रवेश करने के बाद समेकित जांच चौकी से पहले बाइक द्वारा शराब की पेटियों को जंगली रास्तों से सीमावर्ती गांवों में पहुंचाते हैं।जिसके बाद कुछ शराब की खपत रजौली क्षेत्र में की जाती है एवं कुछ शराब जिले के अन्य जगहों पर कार के गेट अथवा सीट के नीचे बने तहखानों में शराब की बोतल रखकर भेजी जाती है।शराब धंधेबाजों द्वारा ऐसा किये जाने से वे पुलिस एवं उत्पाद बलों की पकड़ से थोड़े समय के लिए राहत मिलती है।किन्तु पुलिस एवं उत्पाद बलों के सूचना तंत्र द्वारा शराब धंधेबाजों के अक्सर विरुद्ध अक्सर कार्रवाई की जा रही है।