बिहार के औरंगाबाद में गहराया पेयजल संकट
विश्वनाथ आनंद ।
-नगर परिषद द्वारा मोहल्ले में टैंकर के माध्यम से नहीं पहुंचाए जा रहे हैं शुद्ध पेयजल .
-कड़ाके की धूप उमस भरी गर्मी से औरंगाबादवासी हो रहे हैं परेशान.
-बिहार सरकार के नल जल योजना पूरी तरह से हुआ ध्वस्त.
औरंगाबाद (बिहार)- बिहार के औरंगाबाद में एक तरफ पेयजल संकट से औरंगाबादवासी परेशान है. वहीं दूसरी तरफ कड़ाके की धूप एवं उमस भरी गर्मी से लोगों को जीना मुहाल है. सबसे बड़ी बात है कि लगातार कड़ाके की धूप निकलने से जमीन के नीचे अस्तर का पानी का लेवल काफी दूर चला गया है. जिसके कारण अधिकांश मोहल्ले के घरों में लगाए गए चापाकल एवं समरसेबल पूरी तरह से बंद हो चुका है. इसके बावजूद भी नगर परिषद कार्यालय द्वारा मोहल्ले में पानी का टैंकर का सप्लाई नहीं किया गया है. ताजूब तो इस बात की है कि नगर परिषद कार्यालय होल्डिंग टैक्स, साफ -सफाई, पेयजल सहित कई मूलभूत सुविधाओं को लेकर टैक्स वसूलते हैं. इसके बावजूद भी मोहल्ले में टैंकर द्वारा शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचाना नगर परिषद के कार्य पर कई सवाल को खड़ा करता है. वहीं दूसरी बात यह है कि बिहार सरकार द्वारा चलाए गए नल जल योजना धरातल पर उतरने की जगह हवा में तैरती नजर आया है. एक तरफ नल जल योजना को लेकर सरकार करोड़ रूपया पानी की तरह बढ़ाया, लेकिन सच तो यह है कि नल जल योजना का लाभ ग्रामीणों को एवं शहर वासियों को नहीं मिल सका. सरकार द्वारा कई ऐसे स्थान पर समरसेबल, टंकी ,बैठाया गया है. जो किसी खास व्यक्ति का पहचान केंद्र बन चुका है. औरंगाबाद के लोगों की बात सच मानी जाए तो कहना है कि औरंगाबाद शहर में पेयजल संकट गहराने का मुख्य कारण सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण होना. शहर वासियों ने मीडिया से खास बातचीत के दौरान कहा कि सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण का विरोध लोगों ने किया, लेकिन प्रशासन के कानों तक जू नही रेगी. औरंगाबाद वासियों ने यह भी कहा कि शुद्ध पेयजल खरीदने को लेकर उमस भरी गर्मी में चारों तरफ भ्रमण करते हैं. इसके बावजूद भी शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. वही लगातार तापमान बढ़ने से लोगों को जीना मुहाल हो गया है. औरंगाबाद वासियों ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि मोहल्ले में पानी का टैंकर व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए ताकि लोगों को पेयजल संकट से राहत मिल सके.