देशबंधु चितरंजन दास जी का त्याग, संघर्ष को हमेशा याद रखा जाएगा _ कांग्रेस
मनोज कुमार ।
महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान अधिवक्ता, लेखक, कवि , देशबंधु चितरंजन दास जी की 98 वीं पुण्यतिथि गया के आजाद पार्क स्थित इनके प्रतिमा के समक्ष कांग्रेस पार्टी के तत्वाधान में मनाई गई।
सर्वप्रथम देशबंधु चितरंजन दास जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर इनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू ने कहा की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे देशबंधु चितरंजन दास जी की अध्यक्षता में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का महाधिवेशन सन 1922 में गया की धरती पर आयोजित हुआ था, देशबंधु चितरंजन दास जी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक महान आत्मा कहा करते थे, क्योंकि उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्त्र न्योछावर कर दिए थे।
डा मदन कुमार सिन्हा ने कहा की कांग्रेस पार्टी के निर्णय के अनुशार इन्होंने वकालत छोड़ दी थी तथा अपनी सारी संपत्ति मेडिकल कालेज तथा स्त्रियों के अस्पताल को दे डाली थी। इनके इस महान त्याग को देखकर जनता इन्हे देशबंधु कहने लगी।
देशबंधु चितरंजन दास की प्रतिमा संपूर्ण भारत में कुछ ही जगहों में स्थित है, उनमें गया भी प्रमुख है, जिससे हम गया के लोग को इन्हे श्रद्धांजलि देने तथा श्रद्धासुमन अर्पित करने का मौका मिलता है, आज जरूरत है देशबंधु चितरंजन दास के पद चिन्हों को नमन कर इनके बताए रास्ते पर चलने का।
पुण्यतिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता गया जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा गगन मिश्रा ने किया तथा संचालन युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार ने किया।
कार्यक्रम को जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, दामोदर गोस्वामी, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, शिव कुमार चौरसिया, अभिषेक श्रीवास्तव,सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय, मो समद, असरफ इमाम, मो मुजम्मिल, विक्की कुमार, उदय शंकर पालित, बाल्मिकी प्रसाद, जगरूप यादव, जितेंद्र यादव, आदि ने संबोधित किया।