शास्त्र और शस्त्र के समन्वय से ही स्वस्थ समाज की रचना संभव-डॉक्टर विवेकानंद मिश्र

विश्वनाथ आनंद
गया( बिहार)- गया समीर तकिया स्थित अति प्राचीन कालीबाड़ी मंदिर के प्रांगण में भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के तत्वावधान में शौर्य गाथा स्मरण दिवस के रूप में महर्षि परशुराम की जयंती धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े मंच एवं महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद मिश्र ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि त्रेतायुग में भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में परशुराम का अवतार हुआ था.जिससे भगवान परशुराम ने आतातायी राजाओं का विनाश कर राम राज्य की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया है. अपनी कठोर तपस्या के बल पर भगवान शंकर से प्राप्त वह सारंगधर धनुष श्रीराम को और सुदर्शन चक्र देकर श्री कृष्ण की धर्म स्थापना में सहायता की है.डॉक्टर मिश्र ने कहा कि उस समय भारतीय संस्कृति के गौरव दानवीर शौर्य और तेज की प्रतिमूर्ति महर्षि ने सनातन संस्कृति को ध्वस्त कर रहे हैहयराज सहस्त्रार्जुन आदि राजाओं के द्वारा निरिह प्राणियों पर क्रूरतापूर्ण दमन लोमहर्षक अत्याचार हो रहे थे, लोग त्रस्त थे. ऐसे में युवावस्था में प्रवेश कर रहे परशुराम अपनी सनातनी शिक्षा संस्कार निष्ठा तेजस्विता संगठनात्मक क्षमता साहस और अपरिमित शौर्य के बल पर हैहय राज की प्रचंडता को चुनौती देते हुए विजय पताका फहरा रहे थे. युग महापुरुष के ऐसी शौर्य गाथा है ,जो किसी भी युग में अन्याय और दमन के लिए हमें सक्रिय प्रतिरोध की प्रेरणा देती रहेगी.जिन प्रमुख लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये उनमें प्रसिद्ध समाजसेवी मृदुला मिश्रा ,बिहार प्रदेश राजद की वरिष्ठ नेत्री कुमारी रुबी ,डॉ राजीव रंजन मिश्रा ,रजनी सिंह ,सुनीता देवी, रवि भूषण पाठक, राजीव नयन पांडेय ,रणजीत पाठक, पुष्पा गुप्ता ,नीरज वर्मा ,शंभू गिरी ,सुमोतारा चक्रवर्ती ,प्रोफेसर रीना सिंह, डॉ रविंद्र कुमार, प्रियंका मिश्रा, अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार पाठक, चंद्रभूषण पाठक, प्रेमनाथ टईया, अधिवक्ता दीपक पाठक ,पवन मिश्रा ,किरण पाठक ,नीलम कुमारी ,संगीता कुमारी, कविता रावत ,पार्वती देवी, पुष्पा गुप्ता ,प्रेरणा मराठे, ऋषिकेश गुर्दा ,डॉ ज्ञानेश भारद्वाज, प्रोफेसर अशोक कुमार, सुमन कुमारी, फूल कुमारी, आचार्य अखिलेश मिश्रा ,रंजू देवी, रानी देवी, अजय मिश्रा, सुनील यादव ,सिंधु कुमारी, रंजना पांडेय का नाम शामिल है.समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध समाजसेवी महेश बाबू गुपुत अपने उद्धगार में कहा कि भगवान विष्णु के अवतार महर्षि परशुराम अति कोमल हृदय दयालु एवं परम ज्ञानी ऋषि थे. लोक कल्याण के लिए उन्होंने अत्याचारिर्यों के विरुद्ध शस्त्र धारण किया था.अंत में धन्यवाद ज्ञापन भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के प्रदेश सचिव पंडित विश्वजीत चक्रवर्ती ने किया.