एक्सीलेंट इलेवेन में शामिल हुए 1024 बच्चे

चंद्रमोहन चौधरी ।

द डिवाइन पब्लिक स्कूल, धावां बिक्रमगंज में लगातार छठे वर्ष एक्सीलेंट इलेवन परीक्षा का आयोजन किया गया। विदित हो कि एक्सीलेंट इलेवन द डिवाइन पब्लिक स्कूल की एक कल्याणकारी योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण परिवेश की मेधावी प्रतिभाओं का उन्नयन है जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाते। यह एक प्रतियोगिता परीक्षा है जिसमें वर्ग पांचवी में पढ़नेवाले छात्र भाग लेते हैं। इस परीक्षा में हिंदी, इंग्लिश, साइंस, मैथ्स, रिजनिंग जैसे विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं। कुल 200 अंकों की परीक्षा में वस्तुनिष्ठ तथा वर्णनात्मक दोनों प्रकार के प्रश्न होते हैं। कुल सम्मिलित परीक्षार्थियों में से ग्यारह सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। उन चयनित विद्यार्थियों का नामांकन कक्षा 6 में होता है तथा कक्षा दशवीं तक उनको निःशुल्क शिक्षा दी जाती है।

इस परीक्षा के द्वारा अब तक दो दर्जन से अधिक छात्र – छात्राएं विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रारंभिक दो सत्रों सत्र 2016-17 तथा 2017-18 के चयनित विद्यार्थी मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। वर्ष 2016-17 में इसकी पहली परीक्षा आयोजित की गई थी। पहले वर्ष से ही क्षेत्र में इसकी चर्चा हर जुबान पर आ गई थी। आज स्थिति यह है कि इस परीक्षा में भोजपुर, रोहतास के अलावा बक्सर, भभुआ, औरंगाबाद जिलों से भी विद्यार्थी सम्मिलित हो रहे हैं। प्रदेश की तो बात ही मत पूछिए। अब यह योजना बिहार प्रदेश की सीमा लांघकर दूसरे प्रदेशों में भी अपनी धमक का अहसास करा रही है। बिहार के विभिन्न जिलों से परीक्षार्थियों ने फॉर्म भरा। जिला रोहतास के नौवां से राजरौशनी वर्मा पिता लेनिन वर्मा, जिला भोजपुर के करथ से कैफ अली पिता अब्दुल हुसैन, बक्सर के सोनवर्षा से प्रिया कुमारी पिता शिवजी राम,भभुआ से रौशन चौबे पिता रविशंकर चौबे, जिला बक्सर से शुभम कुमार पिता प्रेमचंद प्रसाद, जिला औरंगाबाद के कटरिया से मयंक कुमार पिता दीपक कुमार, पटना के सैदाबाद से सिद्धि कुमारी पिता चंदन गुप्ता, दीघा घाट पटना से आरव राज पिता अर्जुन कुमार इत्यादि जैसे परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। कुल 1024 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इस अवसर पर विद्यालय के सह निदेशक ने समस्त परीक्षार्थियों की सफलता की कामना की। उन्होंने बताया कि विद्यालय की यह योजना हर साल नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। यह अभिभावकों का हमारे ऊपर विश्वास का प्रतीक है। अतः सभी शिक्षकों को प्रयास करना है कि यह विश्वास टूटने न पाए। हम विद्यार्थियों के उत्थान के लिए अपना सर्वोत्तम देने को हमेशा तैयार रहें। एक्सीलेंट इलेवन मात्र परीक्षा नहीं है। यह एक पुनीत कार्य है जिसके द्वारा हम समाज के निचले पायदान पर खड़ी प्रतिभा को भी ऊपर उठाने का कार्य कर रहे हैं।इस अवसर पर अभिभावकों में भी काफी उत्साह देखने को मिला।अभिभावकों ने बताया कि अखिलेश कुमार ने इस परीक्षा के द्वारा समाज में क्रांति ला दी है। गरीब से गरीब माता-पिता को भी एक संबल मिला है कि अगर उनके बालक में अद्वितीय प्रतिभा है तो अर्थाभाव उसकी पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगा।