संत रविदास का जीवन अनेक प्रेरणादाई बिचारो से भरा पड़ा है-डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा
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विश्वनाथ आनंद .
गया( बिहार)- गयाजी धाम के स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ में भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के द्वारा आयोजित संत शिरोमणि रविदास जयंती समारोह पूर्वक संपन्न हुआl समारोह का शुभारंभ विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े महासभा एवं मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्रा ने किया। समारोह को संबोधित करते हुए डॉक्टर मिश्र ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी का जन्म ऐसे समय में हुआ था, जब मुगलों का शासन था, घोर गरीबी ,अत्याचार का बोल बाला मानवता की सारी सीमा को पार कर रही थी। समाज में नफ़रत का बीज बोकर विभिन्न जातियों में बाँटकर सामाजिक राष्ट्रीय एकता को कमजोर किया जा रहा था। ऐसे समय में बनारस के गोवर्धन गांव में माघ पूर्णिमा के दिन रघुकुल दास एवं माता कर्मा से एक तेजस्वी बालक जन्म हुआ।
बहुत ही दयालु दानवीर कर्तव्यनिष्ठ संत थे। जातिगत भेदभाव को , समाज एवं राष्ट्र को बचाने के लिए सामाजिक एकता पर बल दिया। मानवतावादी मूल्मूल्यों की रक्षा की। स्वामी रामानंदाचार्य वैष्णो संत थे। रविदास जी उनके शिष्य थे। और, उन्होंने ही संत शिरोमणि की उपाधि दी। माघ पूर्णिमा को जन्म लिए आध्यात्मिक गुरु संत शिरोमणि का अभियान मानवीय मूल्यों की रक्षा अपने-अपने कर्म से ही संभव है बतायाl अपने कर्म को ही पूजा मानने वाला व्यक्ति सफल होता है , जन्मना श्रेष्ठता की अवधारणा को समाप्त कर कर्मणा श्रेष्ठता पर बल दिया। कर्म सुरक्षा की अवधारणा स्थापित किए हैं।अजय मिश्र बबलु बाबा रूबी कुमारी राजीव नयन पांडे अमरनाथ पांडे रंजीत पाठक तरन्नुम नुसरत पुष्पा गुप्ता मृदुला मिश्रा रिंकू कुमारी उत्तम पाठक दीपक पाठक जयप्रकाश मिश्रा रणजीत मिश्रा मनोज कुमार आशा कुमारी संजीत कुमार लक्ष्मण पांडे मनीषा प्रियंका मिश्रा कबिता मोहम्मद फिरोज खान संदीप दास मुन्ना दास नवनीत कुमार सुनीता देवी चंद्रभूषण मिश्र डॉक्टर रविंद्र कुमार किरण पाठक नीलम पासवान फूल अंजुम राजू कुमार रूबी कुमारी राकेश कुमार अजय मिश्रा संजय मिश्रा सुनील कुमार संजय रविदास तरन्नुम नुसरत परवीन मासूक साहव चांदनी पाठक राजेश त्रिपाठी शिवनाथ सिंह का नाम शामिल है.