तिरुपति प्रसादम घटना सनातनी आस्था पर चोट-प्रदीप शर्मा

-विप्र फाउंडेशन मंदिरों की पवित्रता के लिए सनातन संरक्षण बोर्ड की किया मांग
-देश भर में ज्ञापन सौंपेगा विप्र फाउंडेशन .
-जिला अलवर का दो दिवसीय अभ्यास वर्ग संपन्न.
विश्वनाथ आनंद ।
गया( बिहार)-तिरूपति प्रसादम् की घटना को गहरी साजिश के तहत सनातनी आस्था पर चोट किया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उक्त बातें विप्र फाउंडेशन झारखंड राज्य के संस्था संस्थापक संयोजक सुशील ओझा एवं झारखंड प्रदेश महासचिव प्रदीप कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहे. उन्होंने आगे कहा कि ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय संगठन विप्र फाउंडेशन ने केंद्रीय स्तर पर सनातन संरक्षण बोर्ड बनाने की मांग की है।संस्था के संस्थापक संयोजक सुशील ओझा ने कहा कि इस प्रकार के भीषण कुकर्मों को ऊपरी सतह से रोकने, राजनैतिक बयानबाजी करने की बजाय स्थायी समाधान ढूंढना चाहिए। ओझा विप्र फाउंडेशन अलवर की ओर से गोलाकावास भानगढ़ स्थित सरसा माता मंदिर प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके संगठन का दृढ़ मत है कि हमारे अधिग्रहित मंदिरों की संपूर्ण व्यवस्थाएं आस्थावान सनातन धर्मावलम्बियों द्वारा ही संचालित हों।

धर्मों रक्षति रक्षित: के ध्येय वाक्य को उद्धृत करते हुए सुशील ओझा ने कहा कि केन्द्र सरकार सनातन संरक्षण बोर्ड बनाकर घोर अधर्म और विनाश से भारतीय संस्कृति, अध्यात्म एवं सनातनी भावनाओं के संरक्षण की पहल करे। यह भारत और भारतीयों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा विषय है जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। विप्र फाउंडेशन अपनी इस मांग को लेकर देशभर में ज्ञापन भी केंद्र सरकार के नाम सौंपेगा। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक जिले में अभ्यास वर्ग कार्यक्रम आयोजित की जाएगी.विप्र फाउंडेशन अलवर जिलाध्यक्ष पियूष पंडित ने कहा कि अलवर विप्र फाउंडेशन ने नवाचार करते हुए यह दो दिवसीय अभ्यास वर्ग का आयोजन रखा था। संस्था की शिक्षा, संस्कार, स्वावलंबन और स्वाभिमान के लिए इस तरह के कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर प्रत्येक जिले में आयोजित किए जाने की योजना है, ताकि सामाजिक सरोकारों में संगठन की भागीदारी परिलक्षित हो सके। प्रदेश महामंत्री गजेंद्र ज्ञानपुरिया ने कहा कि शिविर को विषय विशेषज्ञों में आईपीएस अनिल पालीवाल ने संस्कार और ब्राह्मणत्व पर अपने विचार व्यक्त किए, जबकि प्रशासनिक अधिकारी जीएल शर्मा ने सामाजिक समरसता पर बोलते हुए कहा कि जब तक अन्य समाजों को गले नहीं लगाए तब तक समरसता की बात बेमानी है। शर्मा ने धर्म का अर्थ समझाते हुए कहा कि कर्तव्य ही सही मायनों में धर्म है। धर्म के बिना जीवन ही नहीं । उन्होंने आचरण पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों को राष्ट्र के गौरवशाली अतीत को भी जानकारी देनी चाहिए ताकि वे सुपात्र बन सके। उन्होंने जयपुर में बन रहे परशुराम शक्तिपीठ में सप्ताह में एक दिन काउंसलिंग टेबल के लिए समय देने की घोषणा भी की।समारोह को सफल बनाने में अलवर के प्रभारी वरिष्ठ उपाध्यक्ष महंत धर्मेंद्र शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश अड़ीचवाल , जिला संगठन मंत्री देशबंधु शर्मा, जिला महामंत्री दौलत शर्मा, दीपक शर्मा, पुष्पराज शर्मा, मनोज बेडा, कुणाल शर्मा, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुंदन शर्मा सहजपुर नंगली राजेन्द्र आचार्य व अलवर जिले के सभी ब्लाकों के ब्लाक अध्यक्ष व कार्यकर्ता सक्रिय रहे।

इनकी रही गरिमामय उपस्थिति

इस अवसर पर विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विमलेश शर्मा, राष्ट्रीय सचिव नरेंद्र कुमार हर्ष, जोन 1 के प्रदेशाध्यक्ष राजेश कर्नल, संगठन महामंत्री सतीश शर्मा, जोन डी के प्रदेश उपाध्यक्ष सियाराम शर्मा, सीकर जिला अध्यक्ष जय प्रकाश शर्मा आदि भी उपस्थित थे। इस आशय की जानकारी विप्र फाउंडेशन के, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष CA जय प्रकाश शर्मा एवं झारखंड प्रदेश महासचिव,प्रदीप कुमार शर्मा,विप्र फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से दी l

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