कुष्ठ रोग खोजी अभियान में आशा घर-घर जाकर करेगी जांच
संतोष कुमार ।
मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में गुरुवार को कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर पीएचसी प्रभारी डॉ. सौरभ कुमार निराला के नेतृत्व में आशा के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।इस दौरान पीएचसी मैनेजर मो. ईरशाद अहमद,बीसीएम किरण कुमारी गुप्ता,पारा मेडिकल वर्कर अवधेश कुमार के अलावे प्रखण्ड क्षेत्र की आशा मौजूद रहीं।पीएचसी प्रभारी ने बताया कि अभियान का प्रमुख उद्देश्य कुष्ठ रोगियों की पहचान कर स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार प्रदान किया जाना है,जिससे समाज को कुष्ठ के प्रसार एवं कुष्ठ से होने वाली विकृतियों से बचा जा सके।उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोगी खोजी अभियान आगामी 19 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक किया जाएगा।जिसमें आशा घर-घर जाकर बच्चे,पुरुष एवं महिलाओं की जांच करेंगे,जबकि दो वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों को जांच से बाहर रखा गया है।
साथ ही बताया कि कुष्ठ रोग जीवाणु से होने वाला रोग है,जो नसों और त्वचा को प्रभावित करता है।यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है एवं कुष्ठ रोग के कारण विकलांगता भी हो सकती है।उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग का फैलाव महिला एवं पुरुष दोनों में से किसी से किसी भी उम्र में हो सकती है।हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 20 से 30 वर्ष आयुवर्ग के लोगों में कुष्ठ रोग अधिकांशतः प्रभावी होते हैं।उन्होंने बताया कि त्वचा पर धब्बे,सपाट और हल्के फीके रंग,त्वचा पर धब्बे वाले स्थान में दर्द की अनुभूति नहीं होना,त्वचा का मोटा होना एवं तैलीय होना कुष्ठ रोग के प्रमुख पहचान है।पीएचसी प्रभारी ने बताया कि कुष्ठ रोग किसी धर्म,जाति या विशेष समुदाय में नहीं होता है और न ही पूर्व जन्म के कारण यह रोग होता है।साथ ही कहा कि कुष्ठ रोग को पूर्ण रूप से उपचार के माध्यम से समाप्त किया जा सकता है।उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की दवाइयां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क उपलब्ध है।उन्होंने आमलोगों से अपील किया कि यदि उनके आसपास कोई कुष्ठ रोगी हैं,तो उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जरूर भेजें।