वैश्‍यों को मार ही डाला इस 56 इंच सीना वाले ने—

संजय वर्मा ।

एक कहावत है- बनिया का जीव धनिया भर। यह गलत धारणा है। बनिया सबसे जीवट जाति है, जीवित जाति भी है। एक बनिया अपने कारोबार के विस्‍तार के लिए किसी भी हद तक जोखिम उठा सकता है। सभ्‍यता और संस्‍कृति का विस्‍तार दरसअल बनिया का विस्‍तार ही है।बिहार की राजनीतिक में बनिया और सवर्ण भाजपा का कोर वोट है। जातीय गणना के अनुसार, हिंदू सवर्ण और बनिया का वोट लगभग बराबर है 10-10 प्रतिशत। भाजपा ने टिकट वितरण में बनिया के सीने में गरम लोहा घोंप दिया है। भाजपा ने अपने 17 उम्‍मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इन 17 नामों में 10 फीसदी वाले सवर्णों जाति उम्‍मीदवारों की संख्‍या 10 है। जबकि 10 फीसदी वाले बनिया जाति से मात्र एक उम्‍मीदवार हैं। भाजपा को टिकट बदलने की बारी आयी तो बलि का बकरा भी बनिया को ही बनाया। शिवहर सीट से रमा देवी को पैदल कर सीट राजपूत के लिए जदयू को दे दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन उन्‍हें 56 ईंच का सीना वाले बताते हैं और बनिया की उपजातियां भी बिहार में 56 बतायी जाती हैं। मतलब 56ईंच के सीना वाले एक बनिया ने 56 उपजातियों वाले बनिया समूह के सीने में छुरा सौंप दिया है। इस संबंध में वरीय पत्रकार और वैश्‍यों के सरोकार पर मुखर संजय वर्मा कहते हैं कि भाजपा और एनडीए ने बनिया के साथ छल किया है। जाति के नाम वोट बनियों से लेती है और टिकट देनी की बारी आती है तो सवर्णों को थमा देती है। इसका हर स्‍तर पर विरोध किया जाएगा।

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