जिम्मेदारी से भागकर बच्चों के भविष्य से किया जा खिलवाड़,ग्रामीणों में रोष

संतोष कुमार ।

प्रखण्ड के सुदूरवर्ती पंचायत सवैयाटांड़ के सिमरातरी सरकारी विद्यालय में प्रधानाध्यापक मो कारी मोबिन समेत पदस्थापित शिक्षिक-शिक्षिकाओं के द्वारा विद्यालय को मनमाने ढंग से खोला एवं बन्द किया जा रहा है।ग्रामीणों ने कहा कि सरकार द्वारा वेतनभोगी बने शिक्षक-शिक्षिकाएं अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक ढ़ंग से नहीं करते हैं।जिससे बच्चों का भविष्य अधर में लटका पड़ा है।विद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा लेट-लतीफ आने के साथ ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित करना एवं मध्याह्न भोजन में भी काफी अनियमितता बरती जाती है।सिमरातरी विद्यालय के पास सिरिसियाटांड़ गांव के समीप बाराटांड़ विद्यालय में पढ़ने वाली दो छात्राओं ने भी कहा कि पहले वे भी इसी विद्यालय में पढ़ाई किया करती थी।किन्तु पढ़ाई एवं मध्याह्न भोजन में काफी अनियमितता बरती जाती थी।जिसके कारण परिजनों द्वारा बाराटांड़ विद्यालय में उनका नामांकन करवा दिया गया।मीडियाकर्मियों को 2 बजकर 38 मिनट में ही सभी कक्षा सहित विद्यालय के कार्यालय में ताला लटका हुआ मिला।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इन विद्यालयों का रेगुलर निरीक्षण किया जाये ताकि तय समय तक विद्यालय का संचालन हो सके और बच्चों का भविष्य संवर सके।स्कूल के प्रांगण में खेल रहे बच्चों से पूछने पर पता चला कि सभी शिक्षक 2:00 बजे ही विद्यालय को बंद करके चले गए हैं।हालांकि मध्यान्ह भोजन बनाया गया था।

इस संबंध में पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक मो कारी मोबिन ने बताया कि मैं ट्रेनिंग के लिए नवादा आ गया हूं।जिसके बाद विद्यालय बंद है या चालू इसकी जानकारी मुझे नही है।स्कूल में तैनात शिक्षक को इसकी जवाब देही सौंपी गई थी।इधर इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दिगम्बर ठाकुर से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ आया।वहीं ग्रामीणों में चर्चा है कि पदाधिकारी द्वारा अगर सख्त कार्रवाई किया जाए तो विद्यालय में होने वाली अनियमितता पर लगाम लग सके और बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बन सके।

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