देश रत्न,भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भारतीय राजनीतिज्ञ, वकील, पत्रकार व विद्वान थे-प्रो विजय कुमार मिट्ठू

विश्वनाथ आनंद .
गया( बिहार)-महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान अधिवक्ता, भारत के प्रथम राष्ट्रपति, देश रत्न, भारतरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की 51 वीं पुण्यतिथि गया के स्थानीय राजेंद्र टावर स्थित प्रतिमा के समक्ष मनाई गई.सर्वप्रथम इनके प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात्‌ उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया.कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी राजेन्द्र बाबू के परीक्षा की कॉपी पर वीक्षक हमेशा लिख देते थे कि ” एक्जामिन इज़ बेटर दैन एक्जामिनर ” . डॉ राजेंद्र प्रसाद भारत के संविधान निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान देने के साथ-साथ देश के दो टर्म राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने का काम किए. प्रो विश्वनाथ कुमार ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद मृदुभाषी, सादगी की प्रतिमूर्ति, तथा देश के जनप्रिय, लोकप्रिय नेता थे,जिन्होंने आजीवन आमजनों की सेवा करने का काम किया था.

इस अवसर पर उपस्थित पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, डाक्टर अनिल कुमार सिन्हा, वामपंथी चिंतक सेवानिवृत्त इंजीनियरिंग मुरारी शर्मा, कपिलदेव सिंह, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, शिव चरण लाल, विपिन बिहारी सिन्हा, अभिषेक श्रीवास्तव, विशाल कुमार आदि ने कहा कि आज गया शहर का हृदय स्थल, नगर निगम का ब्रांड एंबेसडर राजेंद्र टावर बदहाल है,इसके चारो ओर लगे पौराणिक घड़ियां गायब है, जिसके चलते एक समय में इसे घंटा घर भी कहा जाता था, तथा घड़ी की आवाज समूचा शहर सुनता था.नेताओं ने राजेंद्र टावर का जीर्णोद्धार कराने, राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा स्थल को विकसित करने तथा वर्षो से गया समाहरणालय के समक्ष इनकी आदम कद प्रतिमा लगाने की मांग राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन से किया है.

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