गणतंत्र मानवतावादी दर्शन के साथ आधुनिक विचारों से प्रेरित है- राजेश
विश्वनाथ आनंद.
गया( बिहार)-स्थानीय डॉक्टर विवेकानंद पथ स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सा भवन में गणतंत्र के पूर्व संध्या पर कौटिल्य मंच के तत्वावधान में एक संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया . मगध बिहार के गौरव सिनेमा जगत के महान शख्सियत इंडियन एक्टर और फिल्म प्रोड्यूसर राजेश कुमार(बर्मा गुरुआ निवासी)ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने उन विभूतियों ने हमें एक मानचित्र तथा नैतिक आधार प्रदान किया है. उस राह में चलने की जिम्मेवारी हम सबों की है.उन्होने कहा कि हमारे महान विभूतियों ने शांति बंधुता और समानता के जो हमारे मूल्य हैं, उसे आगे बढ़ाते हुए हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री , महामहिम राष्ट्रपति के निर्देशानुसार निरंतर आगे बढ़ते हुए विश्व में कीर्तिमान स्थापित किया है. वहीं विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े सम्मानित साहित्यकार राधा मोहन मिश्रा माधव ने कहा किया यह लोकतंत्र हमें याद दिलाता है, कि हम सभी एक समान और एक ही देश के नागरिक हैं.
यह हमें अपने कर्तव्यों और अधिकारों को याद दिलाता है कि हम कैसे अगली पीढ़ी को एक बेहतर भविष्य बनावे.मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय महासचिव एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.विवेकानंद मिश्र अपने विचार प्रकट करते हुए कहा की आर्थिक अनिश्चिता से भरे वैश्विक पृष्ठभूमि में दृढ़ इच्छा शक्ति सक्षम नेतृत्व और प्रभावशाली संघर्षीलता के बल पर हमने विभिन्न क्षेत्रों में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है यह प्रशंसनीय है. प्रख्यात शिक्षाविद प्रोफेसर उमेश चंद्र मिश्र शिव ने कहा की हमने सभी क्षेत्रों में निश्चित रूप से प्रगति की है किंतु स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानियों की सपना आज भी अधूरा है. शिवचरण बाबू डालमिया ने कहा कि हमने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व के गिने- चुने अग्रणी देश में एक रहे हैं।जाने-माने समाजसेवी प्रोफेसर अशोक कुमार ने कहा की भौतिकवादी लिप्सा से ग्रसित मानसिकता को अपनी पाश्चात्य जीवन शैली को बदलने की आवश्यकता पर बल दिया है.अद्यतन भारत के प्रधान संपादक रवि भूषण पाठक, डॉ ज्ञानेश भारद्वाज, किरण पाठक, कविता रावत, प्रोफेसर रीना सिंह, नीलम देवी ,पूजा कुमारी, संगीता देवी ,मोहम्मद इरशाद ,मंजू देवी, रंजन पांडे, अनुपम देवी ,मालती देवी ,मृदुल मिश्रा, मेघा मिश्रा, अजय मिश्रा, संजय दास, तरन्नुम तारा, रेशमा परवीन सहित अन्य लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे.