* सामाजिक समानता के पुरोधा, मानव कल्याण की प्रतिमूर्ति और वीरता के पर्याय गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई गई
MANOJ KUMAR.
आज सिख धर्म के 10 वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह की जयंती हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर मनाई जाती है, इस साल 17 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह की जयंती गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण मे कॉंग्रेस पार्टी के तत्वाधान मे मनाई गई।सर्वप्रथम गुरू गोविंद सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात् उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, टिंकू गिरी, दामोदरगोस्वामी, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, शिव कुमार चौरसिया, टिंकू गिरी, श्रवण पासवान, उदय शंकर पालित, डॉ अहमद हुसैन मकीं, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, विशाल कुमार आदि ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह शौर्य और साहस के प्रतीक रहे हैं, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी, इनकी जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु गोविंद सिंह के प्रेरणा दायी उपदेशों का पालन कर कोई भी व्यक्ति जीवन में कभी भी असफल नहीं हो सकता है।
नेताओं ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के विचार मानव जीवन के लिए अनुकरणीय है जैसे अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे, तो वर्तमान भी खो देंगे। जब आप अपने अंदर से अहंकार मिटा देंगे, तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी। मैं उनलोगों को पसंद करता हूं, जो सच्चाइ के मार्ग पर चलते हैं। इश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें। इंसान से प्रेम ही इश्वर की सच्ची भक्ति है। अच्छे कर्मों से ही आप इश्वर को पा सकते हैं, अच्छे कर्म करने वालों की ही इश्वर मदद करता है। असहायों पर अपनी तलवार चलाने वाले का खून इश्वर बहाता है। जितना सम्भव हो जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए, आदि ।नेताओं ने कहा कि गुरू गोविंद सिंह के बताए रास्ते पर चल कर मानव बेहतर जीवन जी सकता है।