मकर संक्रांति पर अन्नपूर्णा रसाई में सहभोज का हुआ आयोजन

धीरज गुप्ता ।

वंचितों और असहायों को डीएम, निगम के स्टैंडिंग कमेटी सदस्य व समाजसेवियों ने अपनों हाथों से दही-चूङा परोसा और बांटा कम्बल

गया। शहर के नई गोदाम आनन्दी माई मोड़ स्थित अन्नपूर्णा रसोई के प्रांगण में गया जी विकास समिति के सदस्यों द्वारा मकर संक्रांति को लेकर सहभोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।जिसमें गरीब, असहाय व वंचितों को दही-चूड़ा का भोज कराया गया है।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम एवं स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य मोहन श्रीवास्तव सहित अन्य समाजसेवियों ने अपने हाथों से चूड़ा-दही व तिलकुट परोसा. साथ ही उन्हें कंबल ओढ़ाकर नए वर्ष व मकर संक्रांति की शुभकामनाएं भी दी है इस मौके पर समाजसेवी अनिल स्वामी, डॉ. वीरेंद्र कुमार, अन्नतधीश अमन सहित शहर के कई गणमान्य लोग भी उपस्थित थेइस कार्यक्रम में शामिल पूर्व डिप्टी मेयर सह स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि मकर संक्रांति पर चूड़ा-दही व तिलकुट खाने की पौराणिक परंपरा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए अन्नपूर्णा रसोई के प्रांगण में सहभोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें जो गरीब, दलित ववंचित हैं उनके बीच चूड़ा दही का भोज दिया गया है. अन्नपूर्णा रसोई से जुड़े सदस्यों के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

सभी ने इसमें अपनी सहभागिता निभाई है. मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही खाने की परंपरा है, लेकिन वैसे गरीब लोग जिनकी आमदनी काफी कम है, उनके लिए यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से ठेला, रिक्शा चलाने वाले व गरीब-मजदूर लोगों को मात्र ₹10 में विगत कई वर्षों से भरपेट भोजन कराया जाता है. यह रसोई शहर के गणमान्य लोगों के सहयोग से निरंतर चली आ रही है. बड़ी संख्या में लोग यहां प्रतिदिन भोजन करने आते हैं. आगे भी यह रसोई निरंतर जारी रहेगी. हमारा प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे।

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