स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई गई

मनोज कुमार ।
आज विश्व स्तरीय विद्वान, चिंतक, समाज सुधारक, दार्शनिक, विचारक स्वामी विवेकानंद की 166 वीं जयंती गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण मे मनाई गई।सर्वप्रथम स्वामी विवेकानंद की चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात्‌ उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला है।जयंती कार्यक्रम में उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, शशिकांतसिन्हा, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, श्रवण पासवान, उदय शंकर पालित, मोहम्मद समद, रूपेश चौधरी, अशोक राम, राहुल चंद्र वंशी, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम, आदि ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की उक्ति उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता, भारत के युवाओ के लिए प्रेरणा श्रोत है।


नेताओं ने कहा कि 12 जनवरी 1984 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी ने स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था, जो आज सर्वत्र देश में मनाया जाता है।नेताओं ने कहा कि स्वाम विवेकानंद जी का कथन की खुद को कमजोर समझाना सबसे बड़ा पाप है को युवाओं को आत्मसात कर निरंतर आगे बढ़ते रहने का संकल्प दोहराते रहना चाहिए।नेताओं ने कहा कि विवेकानंद कहते थे कि पहले हर अच्छी बात का मज़ाक बनता है, फिर विरोध होता है और फिर उसे स्वीकार लिया जाता है। इसलिए खुद को कमजोर समझाना सबसे बड़ा पाप है।नताओं ने केंद्र एवं राज्य सरकार से मांग किया कि आज संपूर्ण देश के शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय युवा दिवस के दिन केवल, और केवल स्वामी विवेकानंद की सभी उक्तियों पर विस्तृत चर्चा कराने की मांग किया ताकि देश के युवाओं को प्रेरणा मिलते रहे।