विश्व मानवाधिकार दिवस पर बंदियों को किया गया जागरुक

दिवाकर तिवारी ।

रोहतास। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार तथा प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार रोहतास सुनिल कुमार वर्मा के निर्देश पर रविवार को विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर मंडल कारा सासाराम एवं विक्रमगंज में बंदियों को जागरुक किया गया। मंडल कारा सासाराम में मुख्य वक्ता के रुप में न्यायिक पदाधिकारी सुश्री हिमशिखा मिश्रा एवं पैनल अधिवक्ता बिनोद कुमार मिश्रा ने अपना वक्तव्य दिया। जहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए न्यायिक पदाधिकारी सुश्री हिमशिखा मिश्रा ने बंदियों को बताया कि 10 दिसम्बर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को स्वीकृत किया गया था।

बंदियों के मानव एवं मौलिक अधिकारों के लिए कारा अधिनियम 1894 के अन्तर्गत विभिन्न अधिकार दिये गये है जिसमें अभिरक्षा में रखने की सूचना का अधिकार, अधिवक्ता से परामर्श या न्यायालय में बचाव पक्ष रखने के लिए अपनी पसंद का अधिवक्ता रखना एवं विधिक सेवा संस्थाओं तक पहुँच स्थापित करना है। सभी बंदियों को उनके मान-सम्मान की रक्षा करना अतिआवश्यक है। साथ हीं साथ सभी बंदियों के साथ समानता का व्यवहार करना है और उन्हें जाति, धर्म, लिंग, भाषा और जन्म स्थान इत्यादि से विभेद नहीं किया जायेगा। जेल में क्षमता से अधिक मात्रा में बंदियों का नहीं रखना है। चिकित्सकों के द्वारा चिकित्सीय जाँच करवाना, बंदियों के स्वास्थ्य को समय-समय पर जाँच करना अतिआवश्यक है। महिला बंदियों को कारावास के दौरान इनकी देखभाल महिला चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा किया जाना और सिविल सर्जन द्वारा प्रत्येक सप्ताह कारा में एक महिला चिकित्सा पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जानी आवश्यक है। महिला बंदियों के साथ संसिमित नाबालिक बच्चो के शारीरिक वृद्धि के लिए भी चिकित्सीय जाँच की जानी और बच्चों को वस्त्र, भोजन एवं स्वास्थ्य उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है। मानवधिकार के अवसर पर उन्होंने बताया कि सबको शिक्षा का अधिकार है। यदि किसी भी बंदी को अधिवक्ता की आवश्यकता हो, तो उनके द्वारा आवेदन देने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रोहतास द्वारा मुफ्त में अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। मौके पर जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि बंदियों को कारा में जेल मैनुअल के अनुसार सभी सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है यदि किसी बंदी को किसी प्रकार की कोई भी समस्या होती है तो वे निःसंकोच व्यक्तिगत रुप से मुझसे सम्पर्क कर बता सकते हैं। उनके समस्या का समाधान जेल मैनुअल के अनुसार किया जायेगा। वहीं प्रखण्ड मुख्यालय नोखा स्थित कस्तुरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पैनल अधिवक्ता ओम प्रकाश पाण्डेय एवं पारा विधिक स्वयं सेवक कृष्णा पाण्डेय सहित विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिका तथा छात्राएं मौजुद रहें।

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