खुद की गाढ़ी कमाई डाकघर में जमा कर निकाशी के लिए भटक रहे निवेशक
संतोष कुमार ।
प्रखण्ड मुख्यालय स्थित उप-डाकघर में 10 वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्र एवं किसान विकास पत्र का बीते दो माह से ऑनलाइन बाधित है।जिसके कारण उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।उप डाकघर में अगर आपका बचत खाता है।ऐसी बचत योजनाएं ज्यादातर छोटे से मध्यम आय वाले निवेशकों को आकर्षित करती है,जो बिना जोखिम वाला निवेश विकल्प चाहते हैं।जिससे उनका पैसा सुरक्षित रहे और बढ़े भी।भारत सरकार द्वारा समर्थित इन योजनाओं को कम जोखिम वाला निवेश विकल्प माना जाता है।लेकिन रजौली के उप डाकपाल समेत अन्य कर्मचारियों के कारस्तानी के कारण यहां के निवेशकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उपभोक्ता बभनटोली निवासी आरती सिंह ने बताई कि वे विगत एक माह से राष्ट्रीय बचत पत्र एवं किसान विकास पत्र लेकर उप-डाकघर का दर्जनों बार चक्कर लगा चुकी हैं।उन्हें हर बार निराशा ही हाथ लगती है।उन्होंने बताया कि वे अपने सभी दस्तावेजों को एक माह पूर्व ही उप-डाकघर में जमा करवा चुकी हैं।उसके बावजूद उन्हें अबतक भुगतान नहीं किया गया है।वहीं उप-डाकपाल संजीत कुमार से जानकारी लेने पर उन्होंने कहा कि विगत दो माह से ऑनलाइन बाधित रहने के कारण उपभोक्ताओं को भुगतान नहीं किया जा रहा है।हालांकि उप-डाकपाल ने बताया कि जिनका ऑनलाइन नहीं हुआ है उसके कागजात जिला मुख्यालय स्थित डाकघर भेजा जा चुका है।उप-डाकपाल ने राष्ट्रीय बचत पत्र एवं किसान विकास पत्र का भुगतान जिला अवस्थित डाकघर से होने की बात कहकर अपने दायित्वों से पीछा छुड़ा लिए हैं।वहीं तकिया मोहल्ले के राजीव कुमार ने भी समय पूरा हो जाने के बाद शादी विवाह के अलावे अन्य जरूरी कार्यों के लिए अपने पैसों को पाने के लिए दर-दर ठोकर खाने को मजबूर हैं।वहीं अन्य दर्जनों उपभोक्ताएं ने कहा कि कर्मियों की लापरवाही के कारण उन्हें भुगतान नहीं हो पा रहा है।साथ ही दुःखी होकर कहा कि वे अपने भुगतान हेतु भगवान के भरोसे हैं।