जिले में बाल विवाह के खिलाफ गाँव-गांव मशाल लेकर अलख जगाने उतरी महिलाएं और स्कूल के छात्रा

गजेंद्र कुमार सिंह ।

बाल विवाह करने वाले परिवार को बहिष्कार करें तब बाल विवाह पर रोक लगा सकती है

शिवहर—- जिले के अलावा पूरे देश में चल रहे “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत 16 अक्टूबर को मनाए गए बाल विवाह मुक्त भारत दिवस के मौके पर गैर सरकारी संगठन-बिहार ग्राम विकास परिषद एवम कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सहयोग से शिवहर जिला के कुल 50 गाँव मे बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया गया है।जिसमे लोगों की संख्या लगभग – 5,500 महिलाओं, बच्चों और आम लोगों ने शपथ ली ,कैडल मार्च निकाला , जागरूकता रैली ,स्कूल रैली निकाला गया है। जिसमे नारे-हम सब ने ठाना है बाल विवाह मिटाना है।,पढ़ने-खेलने कि उम्र हैं बाल विवाह जुर्म है।और ये प्रतिभागी ने वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और बाल विवाह का विरोध करेंगे।

बड़े पैमाने पर हुए इन कार्यक्रमों मे ,मुखिया, वार्ड सदस्य,आंगनवाड़ी सेविका,जीविका सी एमसंस्था सचिव-रामचंद्र राय,जिला समन्वयक -सत्य नारायण महतो ,जिला कॉउंसलर सिमा वर्मा, प्रखंड समन्यवक-अनिल कुमार, सुनील कुमार सिंह, रंजीत कुमार सिंह, रमन कुमार, आरती कुमारी, कलम सेन द्वरा सुबह से शाम 9 बजे तक रैली, कैंडल मार्च निकलवाने में सहयोग किया गया है। सभी लोगों ने हिस्सा लिया और इसे सफल बनाने में योगदान दिया।
गांवों में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे लोगों कीसूरज ढलने के बाद हजारों लोगों ने हाथों में मशाल लेकर मार्च भी किया‌ और लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, धार्मिक नेताओं सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया।
इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना‌ था। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने‌ व‌ सजावट करने‌ वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
इन दोनों द्वारा मिल कर उठाए गए कदमों और लागू किए गए कानूनों के साथ समाज व समुदाय की भागीदारी 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत सुनिश्चित करेंगी।

 

You may have missed