मोदी सरकार का अमृत काल, देश की गरीब जनता बेहाल _ कॉंग्रेस

मनोज कुमार ।
प्रधानमंत्री मोदी भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना दिखा रहे है लेकिन हकीकत यह है कि देश के करोड़ों लोगों को भरपेट भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है । मगर राष्ट्रवाद की फर्जी पैरोकार सरकार को देशवासियों की समस्या नजर नहीं आ रही है।बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, उदय शंकर पालित, प्रद्युम्न दुबे, मिथिलेश सिंह, राहुल कुमार, विनोद कुमार बाबा, शिव कुमार चौरसिया, मोहम्मद समद, रूपेश चौधरी, अशोक राम, सुजीत कुमार गुप्ता, आदि ने कहा ताजा जारी हुए ग्लोबल हंगर इंडेक्स आकड़ों के मुताबिक, भारत मे भुखमरी की स्थिति बहुत गंभीर है। इस इंडेक्स मे पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल से पिछे 111 वें नंबर पर होना बेहद चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री और सरकार की संवेदनहीनता को देखकर लगाता है कि देश को मन की बात सुनने वाले लोगों को जनता के भूखे – प्यासे रहने से कोई फर्क़ नहीं पड़ता।

नेताओं ने कहा कि यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूरी दुनिया का पेट भरने का वादा करने वाले मोदी जी अपने देशवासियों को भूख से तड़पते देखकर भी कोइ प्रभावी कारवाई नहीं कर रहे है। शायद आम और गरीब जनता उनकी प्राथमिकता के पन्ने मे है ही नहीं। प्रधानमंत्री का सारा ध्यान अपने उद्योगपति मित्रो की तिजोरी भरने मे लगे हुए हैं।नेताओं ने कहा कि बीते साढ़े नौ सालों मे मोदी सरकार की महँगाई ने आम आदमी से दो वक्त का भोजन क्षीण लिया है, आज इस तथाकथित अमृत काल मे 20 करोड़ लोग रोज भूखे पेट सोते है। 80 करोड़ लोग भोजन के लिए राशन की लाइनों मे लगने को मजबूर है। महँगाई के कारण 23 करोड़ देशवासी ग़रीबी के दलदल मे बुरी तरह धंस गए है। कुपोषण और भुखमरी से कराह रहे देश मे ज्यादातर परिवारों को संतुलित आहार नसीब नहीं हो पा रहा है।नेताओं ने कहा कि देश को लूटने वाली मोदी सरकार को गरीब जनता की तकलीफ से जरा सा भी फर्क़ नहीं पड़ता। आज देश जानना चाहता है कि सरकार की नीतियाँ इतनी अमानवीय कैसे हो सकती है कि वो अपने देश के नागरिकों को दो वक्त की रोटी तक न दे पाए।

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