ईंट भट्ठों का सघन निरीक्षण कर बाल श्रमिकों को विमुक्त किया जाये- श्रमिक आयोग उपाध्यक्ष

धीरज ।

बिहार श्रमिक आयोग उपाध्यक्ष ने विभागों से मिलकर कर राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाये।

गया । बिहार राज्य श्रमिक आयोग उपाध्यक्ष राजीव कांत मिश्र के अध्यक्षता में बाल श्रम उन्मूलन विमुक्ति एवं पुनर्वास के विषय पर श्रम संसाधन विभाग, गया के पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, एनजीओ की सदस्य एवं श्रमिक संघ के प्रतिनिधियों के साथ जिला अतिथि गृह, गया में बैठक आयोजित किया गया है। उपाध्यक्ष द्वारा अब तक गया जिला में विमुक्त बाल श्रमिक एवं पुनर्वास पर विस्तृत समीक्षा की गई है। इस समीक्षा के क्रम में श्रम अधीक्षक, गया द्वारा बताया गया कि अप्रैल 2022 से अब तक कुल 30 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया एवं 2014 से अब तक 266 विमुक्त बाल श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएम आ र एफ) से प्रत्येक को ₹25000 का लाभ दिया गया है। उपाध्यक्ष द्वारा “धावा दल” का नाम “विमुक्ति दल” रखने का सुझाव दिया गया है एवं यह भी निर्देशित किया गया कि विभिन्न स्थलों जैसे गराजों, ईंट भट्ठों का सघन निरीक्षण कर बाल श्रमिकों को विमुक्त किया जाये।उपाध्यक्ष द्वारा बताया गया कि बाल श्रम बहुत बड़ा अपराध ही नहीं बल्कि एक सामाजिक समस्या भी है। बाल श्रमिकों से अगर कोई नियोजक काम करवाते हुए पकड़ा जाता है तो उनके ऊपर एफआईआर किया जाता है और ₹20000 का दंड का प्रावधान है। उपाध्यक्ष द्वारा बाल श्रमिक उन्मूलन एवं पुनर्वास से संबंधित गया जिला में किए गए कार्यों पर खुशी जाहिर की गई कि गया जिला में बहुत अच्छा काम हुआ है। इसके साथ ही साथ यह भी निर्देशित किया गया कि अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाये जिससे वो पुनः बाल श्रम के चपेट में ना जायें। इस बैठक में श्रम अधीक्षक सुजीत कुमार एवं श्स्नेहा सृजन, श्रीकांत प्रसाद प्रदेश महासचिव श्रम एवं तकनीकी प्रकोष्ठ सभी प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, जिला नियोजन पदाधिकारी, एनजीओ, प्रयास एवं सेंटर डायरेक्ट के प्रतिनिधि एवं विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए हैं।

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