एम्स निर्माण की मांग को लेकर विभिन्न पार्टियों और सामाजिक संगठनों का अभूतपूर्व बंद रहा सहरसा
बीएनसिंह पप्पन ।
सहरसा. एम्स निर्माण की मांग को लेकर विभिन्न पार्टियों और सामाजिक संगठनों के आह्वान पर सोमवार को सहरसा अभूतपूर्व बंद रहा. बिना किसी हो हल्ला और तनाव मुक्त ये स्वतः स्फूर्त बंदी कई वर्षों के बाद लोगों को देखने को मिला. मगर इस एतिहासिक बंदी के बीच भाजपा के शीर्ष नेताओं के लिये बुरी खबर है की बंदी के दौरान सहरसा भाजपा दो फांक दिख रहा था.
एम्स निर्माण संघर्ष समिति के आह्वान पर इस अभूतपूर्व बंद का कमान पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता आनंद मोहन कर रहे थे. स्टेशन वीरान, बस अड्डा खाली, सभी रास्ते खाली, सरकारी दफतरों में उपस्थिति काफी कम ये दर्शा रहा था कि सहरसा के लोगों की एम्स निर्माण की मांग शत प्रतिशत जायज है. तभी तो ऐसा बंदी बिना किसी हुड़दंग के अभूतपूर्व रहा. मगर इससे इतर इस एतिहासिक बंदी बीच लोगों ने भाजपा को दो खेमों में विभक्त देखा. ये दृश्य भाजपा के प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक को सोचने पर मजबूर कर देगा की जनहित के सवाल पर सहरसा बंद के समर्थन में जमीन पर उतरे भाजपा दो खेमों में क्यों थे. एक खेमा स्थानीय विधायक जिनके साथ जिला अध्यक्ष था तो दूसरा खेमा भाजपा के पूर्व विधायक मरहूम संजीव झा की पत्नी एवं नवनिर्वाचित महापौर बैन प्रिया संजीव का था. ये दृश्य लोगों ने तब देखा जब पिछले सप्ताह लाठी चार्ज के खिलाफ हुए राज्यव्यापी धरना में महापौर सहित जिला अध्यक्ष को साथ साथ देखा गया.