एक आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार मनरेगा में भ्रष्टाचार पर पर्दा हटा

गजेंद्र कुमार ।

शिवहर —–जिला के शिवहर प्रखण्ड में मनरेगा के तहत 2015-2023 के बीच 445 तरियानी प्रखंड में 490 पुरनहिया प्रखंड में 249 तथा डुमरी कटसरी प्रखंड में 43 तलाब खोदा गया है। इस कार्य हेतु लगभग 20 करोड़ खर्च किए गए हैं ।सवाल उठता है इतना अधिक संख्या में तालाब खोदे जाने के बावजूद भी भूमिगत जलस्तर काफी नीचे जा रहा है । सुनते थे कि मनरेगा के तहत जेसीबी से तालाब खोदा जाता है आरटीआई रिपोर्ट देख कर लगता है कि तालाब कागज पर ही खोदा जाता है । सच्चाई यह है कि मनरेगा लूट का अड्डा बन गया है । जिसमें सभी सक्षम लोग लाभान्वित होते हैं । वहीं नल जल योजना की बंदरबाँट ने बिहार के भूमिगत जल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया , हर पंचायत में रोज़ घोटाला की इस योजना से पानी पम्प कर निकालना और कुछ घंटे में जब घरों में पहुँचने से पहले ही टूटे पाइप और नल से नाली में बह जाती है । इस योजना में भी कम लूट नहीं है । क्वालिटी का कहीं ख्याल नहीं रखा गया है ।
इतना खर्च करके हर घर में चापाकल लगाया गया होता तो
जितनी ज़रूरत होती उतना ही भूमिगत जल निकाला जाता ।
अब आने वाले कुछ साल में वर्षा का जल को नाली में जाने से बचाया नहीं गया तथा नल जल योजना के मौजूदा प्रारूप को पूर्णरूप से बंद नहीं किया तो पानी के लिए लड़ाई होगी समय रहते सबको चेतना आ जाए तो ठीक है अन्यथा काफी कठिन दौर आने वाला है । इसके लिए सरकार के साथ ही साथ समाज को भी सचेत रहना होगा और पानी बर्बाद न हो इसके लिए सामूहिक पहल आवश्यक है । क्योंकि गुप्त सूत्रों से पता चलता है कि मनरेगा में पेपर में ही काम समझ कर रह गया है अस्थल पर तो हुआ नहीं जिसमें मनरेगा के पदाधिकारी के के 50 परसेंट का बटवारा हुआ है पदाधिकारी माले माल है इससे संबंधित जो भी मनरेगा के पदाधिकारी है उसकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए जब संपत्ति की जांच होगी तो भ्रष्टाचार अपने आप सामने आएगा।